मातृभूमि की रक्षा के लिए आक्रांताओं का सामना करने और उनके अत्याचारों का विरोध करने वाले देश में अनगिनत वीर और वीरांगनाएं रहीं हैं। जिन्होंने देश की रक्षा, आत्म सम्मान और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। इतिहास के इन्हीं वीरों के जीवन से जुड़ी कहानियों पर कई फिल्में भी बनी हैं। इन्हीं फिल्मों में एक गुजराती फिल्म ‘कसूंबो’ है, जो फरवरी महीने में रिलीज हुई थी और गुजराती सिनेमाघरों में इसने खूब धूम मचाई थी। ऐसे में अब ये फिल्म हिंदी दर्शकों के लिए तैयार है। मेकर्स ने फिल्म का हिंदी ट्रेलर रिलीज कर दिया है। ‘कसूंबो’ एक ऐतिहासिक महाकाव्य है, जो 13वीं शताब्दी की कहानी बताती है और ये कहानी आक्रांता अलाउद्दीन खिलजी से टक्कर लेने वाले उन 51 गुजरात के वीर ग्रामीणों की है, जिन्होंने अपने सम्मान और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
ये फिल्म पेन स्टूडियोज के बैनर तले बनी है, जो अगले महीने यानि 3 मई, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने को तैयार है। विजयगिरी बावा के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘कसूंबो’ उस वक्त की कहानी बयां करती है, जब अलाउद्दीन खिलजी पूरे भारत को जीतकर उसपर राज्य करने की महत्वाकांक्षा को लेकर आगे बढ़ रहा था। उस वक्त इन 51 वीर ग्रामीणों ने न सिर्फ उसके अत्याचारों का वीरता के साथ सामना किया बल्कि एक ऐसी वीरगाथा लिख गए जो आने वाले कई युगों तक याद की जाएगी।
फिल्म ‘कसूंबो’ में आदिपुर के नेता दादू बारोट और उनका साथ देने वाले 51 ग्रामीणों को दिखाया गया है। जिन्होंने सनातन संस्कृति को बचाने और अपने गांव के मंदिरों की रक्षा के लिए खिलजी की सेना का वीरता से सामना किया था। फिल्म को लेकर पेन स्टूडियोज के डॉ. जयंतीलाल गाडा का कहना है कि यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि यह हमारे पूर्वजों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि है।
वहीं डायरेक्टर विजयगिरी बावा का कहना हैं कि फिल्म ‘कसूंबो’ के माध्यम हम गुजरात के वीर सनातनी योद्धाओं की विरासत और अन्याय के खिलाफ उनके ऐतिहासिक युद्ध का सम्मान करने को लेकर है। बहराहल, फिल्म 3 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म में रौनक कामदार, धर्मेंद्र गोहिल, श्रद्धा डांगर, दर्शन पांड्या, मोनिका गज्जर और फिरोज ईरानी मुख्य भूमिका में हैं।
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