माओवादी आतंक भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आक्रामक तरीके से मोर्चा खोल दिया है। जिसके परिणाम स्वरूप हाल ही में छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 29 माओवादी (नक्सली) एक साथ मारे गए हैं। जो छत्तीसगढ़ राज्य में माओवादियों के विरुद्ध सबसे बड़ी सफलता है।
इस मुठभेड़ को बीएसएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी इकाई ने संयुक्त ऑपरेशन में अंजाम दिया है, जिसकी अब सभी ओर से सराहना की जा रही है।
जहां एक तरफ भारत के आम नागरिक सुरक्षाबलों की इस सफलता पर प्रसन्न हो रहे थे, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर माओवादी (नक्सली) आतंकियों को ‘शहीद’ बता रही थी। अपनी जान को दांव पर लगाकर मातृभूमि की रक्षा कर रहे सुरक्षाबलों के जवानों की इस उपलब्धि को कांग्रेस के नेता ‘फर्जी’ बताने में लगे हुए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया और आरोप लगाया कि नक्सलियों के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है। ये नक्सली माओवादी हिंसक हैं जिन्होंने सैकड़ों निर्दोष वनवासियों की हत्या की है।
उन्होंने इस एनकाउंटर में मरने वालों की सूची जारी की और अपने दल का सदस्य बताया। यह एक प्रकार से सुरक्षा बल के दावे का सत्यापन है लेकिन कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने एनकाउंटर को फर्जी बताया। इस एनकाउंटर पर इस बयान ने खुद कांग्रेस को असहज बना दिया है।
वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमे कांग्रेस पार्टी की एक वरिष्ठ नेता और तेलंगाना की कांग्रेस सरकार में मंत्री अनुसुइया दनसारी उर्फ सीताक्का ने मारे गए माओवादी (नक्सली) आतंकी शंकर राव के घर जाकर उसे श्रद्धांजलि दी है। गौरतलब है कि मारा गया माओवादी आतंकी शंकर राव माओवादी आतंकी संगठन में उत्तर बस्तर डिवीजनल कमेटी का खूंखार माओवादी था, जिसके शव को मुठभेड़ के बाद बरामद किया गया।
बता दें कि कांग्रेस की ये महिला मंत्री अनुसुइया दनसारी उर्फ सीताक्का खुद भी एक माओवादी नक्सली आतंकी रह चुकी है। जिसे वह अपने सोशल मीडिया के बायो में गर्व से लिखती हैं कि वो ‘पूर्व नक्सली’ है।
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