चढ़ती गर्मी के साथ लोकसभा चुनाव प्रचार में भी ताप चरम पर है। देश की जनता बेसब्री से मतदान का इंतजार कर रही है। इस बार भाजपा को दक्षिण भारत से बहुत उम्मीदें हैं, खासकर तमिलनाडु में, जहां उसके खाते में एक भी लोकसभा सीट नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अन्नाद्रमुक के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़ा था और 37 सीटों पर अन्नाद्रमुक और एक सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। लेकिन 2019 में यह सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गई। इस बार भाजपा का अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन नहीं है। पार्टी ने पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के साथ गठबंधन किया है और वह पहली बार राज्य में गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। इस चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और उसे पूरी उम्मीद है कि वह राज्य में अपने ऊपर लगे ‘उत्तर भारत की पार्टी’ के ठप्पे को हटा सकेगी।
भाजपा इस बार तमिलनाडु में ऐतिहासिक जीत हासिल कर सकती है। यह सब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई के कारण संभव होता दिख रहा है। आईपीएस अधिकारी रहे अन्नामलाई का कद प्रदेश की राजनीति में बहुत तेजी से बढ़ा है और आज वे एमके स्टालिन के बाद तमिलनाडु के दूसरे सबसे लोकप्रिय राजनेता के रूप में उभरे हैं। भले ही अन्नामलाई का यह पहला लोकसभा चुनाव है, लेकिन उन्होंने जिस तरह से राज्य में अपनी पकड़ बनाई है, उससे भाजपा के लिए उम्मीद बंधी है। उनके गतिशील नेतृत्व में भाजपा ने ‘एन मन, एन मक्कल’ (मेरी भूमि, मेरे लोग) पदयात्रा के माध्यम से जनता के साथ एक अद्वितीय जुड़ाव स्थापित किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शब्दों में, ‘‘एन मन, एन मक्कल’ केवल राजनीतिक यात्रा नहीं है, यह महान तमिल भाषा को पूरी दुनिया में पहुंचाने की यात्रा है। यह तमिल संस्कृति को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कोलकाता से लेकर सोमनाथ तक पहुंचाने की यात्रा है। यह यात्रा महान तमिल संस्कृति को समूचे देशवासियों के मन में सम्मान का स्थान दिलाने का एक प्रयास है।’’
अमित शाह ने 28 मार्च, 2024 को हरी झंडी दिखा कर अन्नामलाई की इस यात्रा को रवाना किया था। छह महीने तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान वे राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में जाएंगे। इसके अलावा, अन्नामलाई की ‘500 दिन में 100 आश्वासन’ को पूरा करने की प्रतिज्ञा तीव्र शासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अन्नामलाई की प्रशंसा करना यह साबित करता है कि पार्टी नेतृत्व को उन पर पूरा भरोसा है।
भाजपा का बढ़ता कद और सर्वेक्षण का अनुमान
इंडिया टीवी-सीएनएक्स के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार, तमिलनाडु में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का वोट शेयर बढ़ने की उम्मीद है। प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों कोयंबतूर, तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, वेल्लोर, नीलगिरि, तिरुपुर, विरुदु नगर, शिवगंगा, तेनकासी, मदुरै, धर्मपुरी, थेनी, रामनाथपुरम, चेन्नई दक्षिण, चेन्नई मध्य में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल के नाते एक मजबूत दावेदार के रूप में उभर सकती है। अन्नामलाई को मलयाली, नायडू और गाउंडर्स जैसे विविध समुदायों से व्यापक समर्थन मिल रहा है, जिससे राज्य में भाजपा का जनाधार बढ़ रहा है और पार्टी मजबूत हो रही है। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अनुसार भाजपा की सावधानीपूर्वक तैयार की गई रणनीति और राज्य के कल्याण के प्रति अटूट समर्पण ने राज्य में दोहरे अंक में वोट शेयर हासिल कर चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के लिए मंच तैयार किया है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ठोस प्रयास राज्य के विकास और समृद्धि के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
दक्षिणी क्षेत्र में प्रधानमंत्री के कई दौरों ने भी जमीनी स्तर पर भाजपा को मजबूती प्रदान की है और मतदाताओं के बीच समर्थन बढ़ाया है। इसके अलावा, भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में तमिल संस्कृति और विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया है। भाजपा द्वारा दुनियाभर में तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने की प्रतिज्ञा योग, आयुर्वेद और शास्त्रीय कलाओं के जरिए समग्र विकास का खाका पेश करते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक छवि को प्रदर्शित करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। संत तिरुवल्लुवर को तमिल संस्कृति का प्रतीक माना जाता है, जिन्हें तमिल लोग जाति और धर्म की सीमाओं से ऊपर उठ कर एक प्राचीन संत, कवि और दार्शनिक के रूप में पूजते हैं। उनकी रचना ‘थिरुक्कुरल’, जिसे तमिल में ‘कुराल’ कहा जाता है,1,330 दोहों का एक संग्रह है, जो हर तमिल घर का अनिवार्य हिस्सा है, ठीक उसी तरह जैसे श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण पारंपरिक उत्तर भारतीय हिंदू घरों का हिस्सा हैं।
प्रतीकात्मक संकेत और तमिल गौरव
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष मई में नए संसद भवन में राजदंड सेंगोल को स्थापित किया था। वास्तव में यह तमिल गौरव की स्थापना थी। इसके अलावा, प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी सहित प्रधानमंत्री मोदी के प्रतीकात्मक संकेत तमिल भावनाओं से गहराई से मेल खाते हैं। श्री श्री रविशंकर के समर्थन के साथ तमिल संस्कृति को अपनाना तमिल गौरव को बढ़ावा देने के लिए भाजपा के समावेशी दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इसके अलावा, काशी तमिल संगमम का आयोजन, अयोध्या कार्यक्रम के अनुरूप रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी मंदिर और श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करना स्थानीय रीति-रिवाजों में उनकी आस्था तमिल संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के साथ गहरे संबंध को दर्शाती है।
भाजपा का उदय द्रमुक को झटका
अन्नामलाई द्वारा ‘डीएमके फाइल्स’ जारी करने और नशीली दवाओं के खतरे को लेकर बढ़ती चिंताओं सहित हाल के घटनाक्रमों ने भाजपा की चुनावी संभावनाओं को और मजबूत किया है। लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों मे लगातार तीन जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक को इस लोकसभा चुनाव में नुकसान होने की संभावना है, जिसका लाभ भाजपा को मिल सकता है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, भाजपा तमिलनाडु के राजनीतिक पुनर्जागरण के अगुआ के रूप में उभर रही है।
समावेशी विकास, सांस्कृतिक पुनरुत्थान और उत्तरदायी शासन की सम्मोहक दृष्टि के साथ भाजपा तमिलनाडु के लोगों के लिए प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण विजय अभियान को पूरा करने में लगे हुए हैं। दक्षिण उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक वह दक्षिणी राज्यों के 20 दौरे कर चुके हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद तो उन्होंने 50 बार तमिलनाडु का दौरा किया है और कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी है।
यह चुनाव तमिलनाडु की राजनीति की दशा-दिशा भी बदलने वाला साबित होगा। यदि भाजपा अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन करने में सफल रही तो यह द्रमुक के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनावों पर इस चुनाव का असर पड़ना तय है।
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