आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर से अपनी झूठी राजनीति का परिचय दिया है। इस बार राजनीति मे उसने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को घसीटा है। उसने संघ के पूर्व सहसरकार्यवाह मनमोहन वैद्य जी के वक्तव्य को काटकर प्रेस कान्फ्रेन्स में दिखाया और आरक्षण जैसे विषय पर केवल भ्रमित करने की कोशिश नहीं की, बल्कि वैमनस्यता भी बढ़ाने का प्रयास किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने एक प्रेस कान्फ्रेंस मे आरक्षण जैसे संवेदनशील मामले पर राजनीतिक स्वार्थ साधते हुए कहा कि RSSके बड़े नेता मनमोहन वैद्य का कहना है कि आरक्षण देना अलगाववाद को बढ़ाने की प्रक्रिया है। ये BJPऔर RSS की मानसिकता है। ये लोग देश का संविधान बदलकर आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।
संजय सिंह ने इसके समर्थन मे उन्होनें एक छोटा सा क्लिप चलाया। मगर आज के सोशल मीडिया के समय मे आम आदमी पार्टी यह भूल गई कि झूठ अधिक देर तक टिकता नहीं है। शीघ्र ही विश्व संवाद केंद्र की ओर से उस पूरे वक्तव्य के वीडियो को जारी करके इस आम आदमी पार्टी के वक्तव्य को झूठा प्रमाणित कर दिया गया।
सच्चर समिति की रिपोर्ट के आधार पर मुस्लिमों के लिए आरक्षण के आधार पर समानता पर प्रश्न पूछा गया था। मनमोहन वैद्य जी ने उसका उत्तर देते हुए कहा था कि “आरक्षण का विषय भारत मे शेड्यूल कास्ट और शेड्यूल ट्राइब्स के लिए अलग संदर्भ मे आया है। हमारे समाज के कुछ बांधवों को सैकड़ों सालों तक हमने शिक्षा से सुविधाओं से वंचित रखा। ये बहुत अन्याय हुआ है। उसका प्रतिवादन करने की जिम्मेदारी हमारी है। एक पार्टीकुलर कास्ट मे पैदा होने पर उन्हें सबसे दूर रखा गया, ये ठीक नहीं है। इसलिए उनको साथ लाने के लिए आरक्षण का प्रावधान संविधान मे आरंभ से किया गया है। डॉ. आम्बेडकर जी ने यह भी कहा है कि किसी भी राष्ट्र मे हमेशा के लिए आरक्षण का प्रावधान रहना अच्छा नहीं है। जल्द से जल्द इसकी आवश्यकता निरस्त होकर सबको समान अवसर मिलने का समय आना चाहिए। ये उन्होंने कहा है और इसलिए वह आरक्षण की सीमा है। बाकी अन्य आरक्षण के बदले में, सबको अवसर अधिक दिए जाएं, सबको शिक्षा अधिक दी जाए, इस प्रकार के प्रयास होने चाहिए। इसके आगे आरक्षण बढ़ाना थोड़ा अलगाववाद की बात होगी, ऐसा हमें लगता है। शेड्यूल ट्राइब और शेड्यूल कास्ट के पिछड़ा रहने के पीछे सैकड़ों वर्षों से किया गया अन्याय कारण है, ऐसा अन्य स्थानों पर नहीं है, इसलिए उसका उपाय अन्य ढूँढना अच्छा रहेगा, ऐसा लगता है!” इस वक्तव्य से यह स्पष्ट है कि मनमोहन वैद्य जी यह स्पष्ट कर रहे हैं कि आरक्षण का उद्देश्य समाज मे समानता लाना है।
यहाँ आम आदमी पार्टी के झूठ पर बात हो रही है। आम आदमी पार्टी का अभी तक का सफर पूरी तरह से झूठ के आधार पर रहा है। जिस आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़कर अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ किया था, वही भ्रष्ट दलों के समर्थन के साथ आज चुनाव लड़ रही है। जिस पार्टी ने नैतिकता और सिद्धांतों के आधार पर राजनीति की बात की थी, वही आज अपने मुखिया को जेल से सरकार चलाने के लिए बाध्य कर रही है। जिस पार्टी ने कभी परिवारवाद का विरोध किया था, वही आज सुनीता केजरीवाल को अपने नेता के रूप मे अपना रही है।
आम आदमी पार्टी का करियर ही झूठे आरोप लगाकर भागने से आरंभ हुआ था। आज तक उन प्रेस कॉंफरेस के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा होते हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी के नेता दूसरे लोगों पर आरोप लगाते थे और भाग जाते थे, मगर जैसे ही कानूनी शिकंजा कसता था, वे लोग दबे पाँव माफी मांग कर मुकदमा समाप्त कराते थे। यही इनका चरित्र है। और इनका यह चरित्र दिल्ली की जनता ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया देख रही है और इनके झूठ को पहचान रही है। परंतु फिर भी आम आदमी पार्टी की यह ताजा हरकत इसलिए भी निंदनीय है क्योंकि इसमें झूठ की राजनीति मे एक गैर राजनीतिक संगठन को घसीटा गया है। राजनीतिक लड़ाई मे पार्टियों के मध्य परस्पर आरोप नए नहीं हैं, परंतु एक गैर राजनीतिक संगठन के अधिकारी के बयान को इस प्रकार काटकर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए चलाना राजनीतिक एवं नैतिक क्षुद्रता की निशानी है।
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