Iran Hijab row:इस्लामी कट्टरपंथी सरकार ने 200 छात्रों को विश्वविद्यालय में घुसने से रोका, लड़कियों को जबरन पहनाया हिजाब
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Iran Hijab row:इस्लामी कट्टरपंथी सरकार ने 200 छात्रों को विश्वविद्यालय में घुसने से रोका, लड़कियों को जबरन पहनाया हिजाब

ये घटना अमीर कबीर विश्वविद्यालय की है, जहां लड़कियों को ईरानी हिजाब (लंबा काला घूंघट) पहनने के लिए मजबूर किया गया। वहीं लड़कों को टी-शर्ट, छोटी बाजू या फिर स्पोर्ट्स कपड़े पहनने से रोका गया।

by Kuldeep Singh
Apr 22, 2024, 10:38 pm IST
in विश्व
Iran student stop at the university gate for not wearing hijab

अमीर कबीर विश्वविद्यालय के बाहर रोके गए छात्रों का एक ग्रुप

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ईरान की इस्लामी सरकार देश में हिजाब के नियमों को सख्त बनाने जा रही है, लेकिन दूसरी ओर इसका विरोध भी शुरू हो गया है। इस क्रम में रविवार को तेहरान में अमीर कबीर विश्वविद्यालय के कई छात्र इसके विरोध में हड़ताल पर चले गए। दरअसल, पुलिस ने 200 से अधिक छात्रों के यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसी के बाद बाकी छात्र इन छात्रों के समर्थन में उतर गए।

ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को उन घटनाओं का दस्तावेजीकरण किया गया, जहां अमीर कबीर विश्वविद्यालय में तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स ने पुरुष और महिला दोनों छात्रों को उनकी पहनावे के आधार पर प्रवेश करने से रोका। कथित तौर पर लड़कियों को ईरानी हिजाब (लंबा काला घूंघट) पहनने के लिए मजबूर किया गया। वहीं लड़कों को टी-शर्ट, छोटी बाजू या फिर स्पोर्ट्स कपड़े पहनने से रोका गया।

इस बीच विश्वविद्यालय के इस एक्शन पर विरोध करते हुए छात्रों ने विश्वविद्यालय के सिक्योरिटी चीफ हाफिज शाहबाजी को भाड़े का सैनिक करार देते हुए सीधे तौर पर इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि विरोध प्रदर्शन करने वालों में सीएस, एनर्जी इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग समेत कई अन्य संकायों के छात्र शामिल रहे।

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान: पंजाब में कबड्डी खिलाड़ी ने सैयद खिलाड़ी के साथ खेलने से किया इनकार, बिना खेले मानी हार, जानें क्यों?

हिजाब के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा है विरोध

ईरान में 13 अप्रैल से इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार ने ऑपरेशन नूर लॉन्च किया है। इसके तहत महिलाओं के लिए हिजाब के नियमों को और अधिक सख्त किया जा रहा है। तभी से सरकार के इस कदम के खिलाफ ईरान में व्यापक विरोध फ्रदर्शन हो रहे हैं। दूसरी ओर कड़ाई से हिजाब को लागू करने के लिए सरकार ने भी भारी मात्रा में पुलिस, बासिज और सिविल ड्रेस में अधिकारियों की नियुक्ति की है। हिजाब नियमों को कड़ाई से लागू करने के लिए तेहरान में अलज़हरा विश्वविद्यालय जैसे कुछ विश्वविद्यालयों ने गेटों को चेहरे की आईडेंटिफिकेशन तकनीक को लगाया गया है। इसी के जरिए संस्थान में छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।

हालांकि, इस्लामिक चरमपंथी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद ईरान की युवा पीढ़ी लगातार इसके खिलाफ खड़ी हो रही है। गौरतलब है कि 2022-2023 में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के कुछ महीनों बाद, धार्मिक कट्टरपंथियों के नेतृत्व वाली ईरानी सरकार ने अनिवार्य हिजाब को कठोर रूप से लागू करना फिर से शुरू कर दिया। विरोध प्रदर्शन एक युवा महिला महसा अमिनी की “अनुचित हिजाब” के लिए गिरफ्तार किए जाने के बाद नैतिकता पुलिस हिरासत में मौत से शुरू हुआ था। अब एक बार फिर से ये विरोध प्रदर्शन तेज हो रहा है।

Topics: ऑपरेशन नूर#hijaboperation noor#islamइस्लामinternational newsहिजाबईरानIranइस्लामिक कट्टरपंथIslamic fundamentalismअंतरराष्ट्रीय न्यूज
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