कर्णावती: अमदाबाद में जैन शासन का अभूतपूर्व प्रसंग आयोजित होने जा रहा है। 22 अप्रैल को एक साथ 35 मुमुक्षु प्रभु महावीर के पथ पर प्रस्थान करेंगे। दीक्षा धारण करने वाले 10 मुमुक्षु 18 से कम उम्र की आयु के हैं और कुछ मुमुक्षु अपनी करोड़ों की संपत्ति त्याग कर दीक्षा के कठिन मार्ग पर चलने जा रहे हैं।
अमदाबाद में 35 मुमुक्षु एक साथ 22 अप्रैल को दीक्षा लेंगे और इसके लिए अमदाबाद रिवरफ्रंट पर 18 अप्रैल से पांच दिन का भव्य महोत्सव आयोजित किया जाएगा। जो 35 मुमुक्षु दीक्षा ग्रहण करने वाले हैं उनमें से पांच परिवार के सभी लोग एक साथ दीक्षा ग्रहण करने वाले हैं। दीक्षा ग्रहण करने वाले मुमुक्षु में इस बार टेक्सटाइल मार्केट के बड़े व्यापारी, रियल एस्टेट बिजनेसमैन, डिजिटल मार्केटिंग में मास्टर्स डिग्री लेने वाले एवं गायक और संगीतकार का समावेश हो रहा है।
इस अवसर के लिए रिवर फ्रंट पर भव्य अध्यात्म नगरी की रचना की गई है। जिसमें आचार्य विजय योगतिलकसुरीश्वरजी की उपस्थिति में 11 साल की उम्र से लेकर 56 साल के बुजुर्ग तक के 35 मुमुक्षु दीक्षा ग्रहण करेंगे। मुमुक्षु के इस महाभिनिष्क्रमण के अवसर पर 5 दिन का भव्य महोत्सव 18 अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चलेगा जिसमें विश्व भर से एक लाख से ज्यादा जैनियों के उपस्थित रहने की संभावना है। गुरु भगवंतों समेत 400 श्रमण श्रमणि भगवंत की भव्य नगर प्रवेश स्वागत यात्रा 18 अप्रैल को होगी। दीक्षा लेने वाले 35 मुमुक्षु की वर्षीदान की भव्य यात्रा 21 अप्रैल को होगी।
हिम्मतनगर के मुमुक्षु भावेश भंडारी और उनकी पत्नी अपनी ढाई सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति दान करने के बाद दीक्षा के पथ पर आगे बढ़ने जा रहे हैं। इस बारे में भावेश भंडारी के बड़े भाई रिधेश भंडारी ने पाञ्चजन्य से बातचीत करते हुए कहा कि फायनांस के व्यवसाय से जुड़े भावेश भंडारी और उनकी पत्नी जीनल भंडारी 250 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं।
अमदाबाद और हिम्मतनगर में उनके कॉरपोरेट ऑफिस भी हैं। ऐसे में करोड़ों की संपत्ति को त्याग कर दोनों ने संयम का मार्ग अपनाया है। इससे पहले भावेश और जीनल भंडारी के बेटे भव्यकुमार ने सिर्फ 16 साल की आयु में और बेटि विश्वाकुमारी सिर्फ 19 साल की आयु में 2022 में दीक्षा लेकर संयम का मार्ग अपनाया था और आज उन्हीं बच्चों के माता-पिता यानी भावेश और जिनल भंडारी अपनी करोड़ो की संपत्ति को दान कर संयम के पथ पर प्रस्थान करने जा रहे हैं। भावेश और जिनल भंडारी की भव्य यात्रा हिम्मतनगर में आयोजित की गई थी। अब 22 अप्रैल को दोनों अहमदाबाद में दिक्षा ग्रहण करेंगे।
हिम्मतनगर के 21 साल के हेमकुमार गांधी भी दीक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं। व्यवसाय से मैकेनिकल इंजीनियर रहे हेमकुमार को भी संसार की मोह माया आकर्षित न कर सकी और 21 साल की उम्र में ही अब वह दीक्षा का संयम मार्ग अपनाने जा रहे हैं। सभी मुमुक्ष 22 अप्रैल को आचार्य विजययोगतिलकसुरीश्वरजी के हाथों दिक्षा अंगीकार करेंगे। आचार्य विजययोगतिलकसुरीश्वरजी खुद चार्टर्ड अकाउंटेंट है और उन्होंने 1988 में दीक्षा अंगीकार की थी।
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