नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड भर्ती से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत की मांग ठुकरा दी है। कोर्ट ने अमानतुल्लाह को ईडी के सामने 18 अप्रैल को पेश होने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ईडी के पास गिरफ्तारी के लायक साक्ष्य हैं तो अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर सकती है। अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 मार्च को अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपये की जमीन बिक्री से जुड़ा है। ईडी के मुताबिक आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान की अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गई। आरोपित कौसर इमाम सिद्दिकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है। जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली। जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची। जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी।
इस मामले में सीबीआई ने 23 नवंबर, 2016 को आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त, 2022 को चार्जशीट दाखिल की। सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गई।
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपितों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान एवं महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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