मोरक्को से भारत में आकर अभिनय की दुनिया में अपना भविष्य बनाने वालीं अभिनेत्री नोरा फतेही बियरबाइसेप्स के साथ किए गए एक पॉडकास्ट में नारीवाद को लेकर जमकर जम कर बरसी हैं। उनके अनुसार फेमिनिज्म ने समाज को बर्बाद कर दिया है। वह इस बकवास में विश्वास नहीं करती कि महिलाओं को किसी की जरूरत नहीं होती।
नोरा फतेही ने फेमिनिज्म को लेकर अपने विचार रखते हुए कहा- ”मुझे लगता है कि शादी ना करना, पूरी तरीके से आत्मनिर्भर होने की बात करना, बच्चे ना पैदा करना और घर में महिला-पुरुष के काम अलग ना करना, मैं इन सब आईडिया में विश्वास नहीं करती”।
उन्होंने कहा- महिला में लालन पालन और पुरुष घर का खर्च चलाने वाला है, यह बात सही है। वहीं महिलाओं को भी काम पर जाना चाहिए और आत्मनिर्भर होना चाहिए लेकिन एक सीमा तक। उन्हें एक माँ और पत्नी होने का भी फर्ज निभाना पड़ेगा, जैसे एक आदमी को घर का खर्च चलाने और पिता का फर्ज निभाने के लिए तैयार होना होता है।”
नोरा ने इसी पर आगे कहा कि इस विचार को पारंपरिक और पुराने तरीके की सोच कहा जाता है लेकिन मुझे लगता है कि यही सही सोच है। फेमिनिज्म ने इसे आजादी, सब एक जैसे हैं, जैसे नाम देकर बिगाड़ दिया है। महिला और पुरुष बराबर हैं लेकिन समाज में उनके रोल बराबर नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमें फेमिनिज्म के विषय में भारत में तो इसकी स्थिति फिर भी सही है लेकिन पश्चिमी देशों में इसकी वजह से हाल खराब है। वहाँ सिखाया गया कि जो पुरुष महिलाओं को 9 से 5 की नौकरी नहीं करने देते वो पितृसत्तात्मक है, जो आपको बाहर जाकर संघर्ष नहीं करने दे रहे वो खराब हैं, एक माँ बनना खराब है। लेकिन अब इस पर लोग प्रश्न खड़े कर रहे हैं कि इसने परिवार की संस्था को बर्बाद कर दिया है।
फेमिनिज्म एक दम मजहब की तरह है। वैसे तो यह अच्छा है लेकिन जब यह कट्टर हो जाता है तब खराब होता है। पिछले 20 सालों में फेमिनिज्म भी एकदम कट्टर हो गया है और हम इसके परिणाम देख रहे हैं।
आप उनकी यह बातचीत नीचे लगे वीडियो में 1 घंटे 7 मिनट के बाद से सुन सकते हैं।
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