आगरा के एक गांव में ट्यूशन से लौट रही एक मासूम बच्ची के साथ हुई बलात्कार की घटना ने सबको अंदर से हिलाकर रख दिया है. इस घटना में चौकाने वाली बात रही दुराचार का आरोपी केवल 11 वर्ष का है और कक्षा 4 का छात्र है. इस मामले में पुलिस ने प्राप्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपित को अपनी अभिरक्षा में ले लिया है। अब उसे किशोर न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। वहीं 6 वर्ष की मासूम पीड़िता अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत गंभीर है।
आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र में स्थित एक गांव में गांव में मेला लगने की तैयारियां चल रहीं थीं, इसी के चलते झूले भी लगे हुए हैं। वहीं कक्षा 2 में पढने वाली 6 वर्ष की मासूम पीड़िता जो कि ट्यूशन पढ़ने गई हुई थी लौटकर एक झूले वाले के पास पहुंची जहां झूले वाले एक युवक ने बच्ची के कपड़ों पर खून देखा इसके बाद उसे बच्ची के पैरों पर भी खून लगा दिखाई दिया. मामले की गंभीरता के देखते हुए झूलेवाले युवक ने बच्ची को तत्काल उसके घर तक भिजवाया.
बच्ची जब अपने घर पहुंची तो परिजनों ने देखा की उसकी कमर से लेकर पैरों तक खून बह रहा है. यह सब बच्ची की माँ और दादी ने देखा तो उनके होश ही उड़ गए. पूछने पर मासूम बच्ची ने अपने साथ हुए पूरे घटनाक्रम को बताया जिसके बाद परिजन उसे आरोपित के घर ले गए।
घर पहुंचकर परिजनों ने आरोपित को पकड़ लिया और उससे घटना के बारे में पूछताछ की तो उसने सब सब कुछ उगल दिया जिसके बाद परिजन हक्का-बक्का रह गए। घटनाक्रम को जानने के बाद पीड़िता के परिजन देर रात थाने पहुंचे। जहां उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में पुलिस को बताया. वहीं जब आरोपित के मुस्लिम और पीड़ित बच्ची के हिंदू होने की बात एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा को पता चली तो वह भी मामले की गंभीरता को समझते हुए थाने पहुँच गईं। जहां उन्होंने पीड़ित बालिका से बातचीत का प्रयास किया लेकिन बच्ची की लगातार खराब होती हालत को देखते हुए तत्काल उसे इलाज के लिए लेडी लॉयल अस्पताल में भेजा गया। अस्पताल पहुँचते ही पीड़ित बालिका का मेडिकल हुआ। जिसमे बालिका के साथ दुराचार की पुष्टि हुई।
वहीं जब आरोपित से पूछताछ की गई तो वह बड़ों के अंदाज में बताया कि उसने क्या-क्या किया था। आरोपित की मनोदशा देखकर मौजूद पुलिस कर्मी भी हैरान रह गए। वहीं इस घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थिति है। फिलहाल गांव में एहतियातन पुलिस की तैनाती की गई है। परिजनों से प्राप्त तहरीर के आधार पर पुलिस ने दुराचार, पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घर के माहौल से मिली आरोपी को सीख : मनोचिकित्सक
महज 11 साल के आरोपित ने ऐसा क्या देखा कि उसके अंदर यह गलत काम करने का विचार आया? उसे यह किसने बताया कि जो वह कर रहा है उसे क्या बोलते हैं? उससे परिणाम क्या होंगे? इन सब सवालों के जबाव जानने के पुलिस ने आरोपित की काउंसलिंग कराई। जिसके तहत एक मनोचिकित्सक ने उसके साथ लंबी बातचीत की। इस बातचीत के आधार पर मनोचिकित्सक ने बताया कि आरोपित बालक के घर का माहौल ठीक नहीं है। इसके पिता बकरी चराने का काम करते हैं। घर में तीन-भाई बहन हैं। इसके साथ ही घर भी छोटा है, घर में झगड़ा होता है। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात आरोपित का पिता बच्चों का लिहाज नहीं करता।
मनोचिकित्सक ने पुलिस को बताया कि सामान्य व्यवहार के लिए आरोपित बालक की लगातार काउंसलिंग जरूरी है। इसकी दोस्ती अपनी उम्र से बड़े लड़कों से है। वे उल्टी सीधी बातें करते हैं। इन्हीं बातों ने बालक की मानसिकता को खराब किया है।
आरोपित के जबाव सुनकर अचंभित रह गए पुलिसकर्मी
बता दें कि पुलिस उस समय अचंभित रह गई जब महिला पुलिसकर्मियों के सामने पूछताछ होने पर आरोपित एक दम खामोश रहा। जब कई बार प्रश्न दोहराया गया तो उसने पुलिस वालों से कहा कि गंदी बात है। बताएगा तो महिलाओं को अच्छा नहीं लगेगा। पहले इन्हें यहां से हटा दें।
एक और लड़के ने दिया था साथ
जब महिला पुलिस कर्मियों को पूछताछ वाली जगह से हटाया गया तब जाकर आरोपित ने अपनी जुबान खोली। उसने पुलिस को बताया कि वह अकेला नहीं था। उसके साथ एक और लड़का था। उन दोनों ने ही बालिका के साथ गलत हरकत की थी। जबकि पीड़िता ने एक ही आरोपित के बारे में बताया था।
बहरहाल पुलिस पीड़िता के पूरी तरह होश में आने का इंतजार कर रही है। ताकि उससे एक बार अच्छे से बातचीत की जा सके। फिलहाल पुलिस यही मानकर चल रही है कि आरोपित अकेला ही था। बालिका ने भी उसका ही नाम बताया था।
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