नई दिल्ली । रक्षा विमानन क्षेत्र में भारत का स्वर्ण युग गुरुवार को 4.5 पीढ़ी के तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान की पहली उड़ान के साथ शुरू हो गया है। पूरी तरह से स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ने आज दिन में 1.15 बजे के आसपास बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के हवाई अड्डे से उड़ान भरी। भारत के नए एडवांस तेजस एमके-1ए ने आज पहली उड़ान के रूप में हवा में 18 मिनट बिताए और 1.33 बजे सुरक्षित वापस उतर गया।
एचएएल हवाई अड्डे पर तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान की पहली उड़ान के लिए कई दिनों से तैयारियां जोरों पर थीं। उन्नत एलसीए फाइटर जेट (LA 5033) को आज सुबह 11-11.30 बजे के बीच निर्धारित अपनी पहली उड़ान के लिए अंतिम समय की जांच से गुजारा गया। विमान को दुनिया के सबसे पुराने और सबसे ऐतिहासिक विमान घरों में से एक एचएएल के विमान डिवीजन के हैंगर से बाहर निकाला गया। पहली उड़ान की तैयारियों में एडीए, एचएएल, एनएएल, डीआरडीओ और सीईएमआईएलसीए आदि की टीमों का अहम योगदान रहा।
स्वदेशी रूप से विकसित तेजस एमके-1ए फाइटर जेट ने 22 मार्च को अपना दूसरा लो-स्पीड टैक्सी ट्रायल (एलएसटीटी) सफलतापूर्वक पूरा किया था। इसके बाद से ही एचएएल के अध्यक्ष सीबी अनंतकृष्णन ऐतिहासिक उड़ान की तैयारी में सिस्टम मंजूरी की समीक्षा कर रहे थे। अपनी पहली उड़ान शुरू करने से पहले टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान विमान के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कई आवश्यक परीक्षण किये गए। सफल एलएसटीटी और तेजस एमके-1ए की आज हुई पहली उड़ान भारत के एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रक्षा मंत्रालय ने 83 एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट के लिए 03 फरवरी, 2021 को एचएएल के साथ डील फाइनल की थी। इसी सौदे का पहला ट्विन-सीटर ट्रेनर पिछले साल 04 अक्टूबर को एचएएल ने वायुसेना को सौंप दिया था। भारतीय वायु सेना को इसी महीने के अंत तक पहले बैच में दो तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान सौंपने की तैयारी है। एचएएल से पहले बैच में मिलने वाले दोनों तेजस एमके-1ए को भारतीय वायुसेना अपने हवाई बेड़े में शामिल करने से पहले कठोर निरीक्षण और परीक्षण करेगी। आधुनिक वायु युद्ध के लिहाज से एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में एवियोनिक्स, हथियार और रखरखाव में 43 तरह के सुधार किये गए हैं।
फाइटर जेट एमके-1ए डिजिटल राडार चेतावनी रिसीवर, बाहरी आत्म-सुरक्षा जैमर पॉड, बेहतर राडार, उन्नत दृश्य-सीमा (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और महत्वपूर्ण रूप से बेहतर रखरखाव के साथ आएगा। एमके-1ए और एमके-2 मौजूदा एमके-1 विमान की तुलना में काफी बेहतर सुविधाओं और प्रौद्योगिकियों के साथ आएंगे। भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के खिलाफ अपनी लड़ाकू तैयारियों को बढ़ाने और सोवियत काल के मिग-21 लड़ाकू विमानों को धीरे-धीरे बंद करने से बचे अंतर को भरने के लिए पश्चिमी क्षेत्र में आगे के हवाई अड्डों पर कुछ एलसीए तैनात करेगी।
सौजन्य – सिंडिकेट फीड
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