राजग में विश्वास, विपक्ष हताश
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

राजग में विश्वास, विपक्ष हताश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में गरीब, युवा, महिला और किसानों के सशक्तिकरण को लेकर मैदान में हैं।

by प्रशांत बाजपेई
Mar 26, 2024, 01:19 pm IST
in भारत, विश्लेषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में बढ़ रहा हैराजग का प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में बढ़ रहा हैराजग का प्रभाव

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में गरीब, युवा, महिला और किसानों के सशक्तिकरण को लेकर मैदान में हैं। पिछले दस साल की उपलब्धियों का खजाना उनके पास है। वह विकास कार्यों को गिना रहे हैं, और देश को शिखर पर पहुंचाने का खाका प्रस्तुत कर रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्ष थोथी राजनीति कर अपनी जमीन को और दरका रहा

इस बार के आम चुनाव खास होने वाले हैं। 2014 में देश की राजनीति में बदलाव का चुनाव था। 2019 के चुनाव ने बदलाव की पुष्टि की। 2024 का चुनाव इस बदलाव के स्थायित्व का चुनाव है। देश की राजनीति सदा के लिए बदल चुकी है। परिवर्तन मतदाता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का है। भारत की संस्कृति विमर्श के केंद्र में है और राष्ट्र का विचार कसौटी बनकर उभरा है। यह तेज परिवर्तनों का दौर है।

आम चुनावों की बात स्वाभाविक रूप से, एक ही नाम से शुरू होती है, जो सत्तारूढ़ दल और विपक्षी खेमे, दोनों के लिए मुद्दा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो निस्संदेह इस बदलाव के मुख्य शिल्पी हैं। मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी आत्मविश्वास और उत्साह से पूर्ण है। मोदी राष्ट्रीय मुद्दे, संस्कृति, नेतृत्व, विकास और लाभार्थी वर्ग के रूप में भाजपा के लिए ऐसा बहुस्तरीय दुर्ग गढ़ने में सफल रहे हैं, जिसकी कोई काट विपक्ष को सूझ नहीं रही है। इस चुनाव में भाजपा, जनसंघ के जमाने से चले आ रहे वादों को पूरा करके मतदाताओं के बीच जा रही है। ये हैं जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण और समान नागरिक संहिता।

शिखर पर मोदी

मोदी पिछले दस सालों का हिसाब लेकर चुनाव के मैदान में उतरे हैं। नया संसद भवन, नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारत की बढ़ती सैन्य आत्मनिर्भरता, पाकिस्तान और चीन पर लगाम, आतंकवाद पर कठोर प्रहार और रोकथाम , रूस-यूक्रेन से लेकर अमेरिका और पश्चिम एशिया तक भारत की विदेश नीति की धाक, दुनिया में भारत का बढ़ता कद, यूएई में हिंदू मंदिर… मोदी की सूची बहुत लंबी है। गत वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन में पूरी दुनिया में 25 करोड़ लोगों ने भाग लिया। योग उपकरणों का बाजार 154 फीसदी बढ़ा है, जबकि चीनी खिलौनों और चीनी एप्स का दखल भारत में खत्म हो गया है। 1.6 लाख स्टार्टअप शुरू हुए। भारतीयों के डिजिटल लेनदेन में 90 गुणा की वृद्धि हुई है। आज दुनिया के कुल डिजिटल लेनदेन में से 46 प्रतिशत भारत का हिस्सा है। प्रति घंटे 1 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हो रहे हैं। सड़क, हवाई अड्डा, सार्वजनिक परिवहन, लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, बंदरगाह और जल मार्ग के विकास के लिए 100 लाख करोड़ की प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना चल रही है।

भाजपा के प्रमुख चेहरे अमित शाह, योगी आदित्यनाथ,स्मृति ईरानी और अन्नामलै

2014 और 2024 के बीच के अंतर को देखें तो, 5 शहरों में मेट्रो रेल की तुलना में 22 शहरों में मेट्रो रेल सुविधा, 70 हवाई अड्डों से 150 हवाई अड्डे तक का सफर, मेडिकल कॉलेज 380 से बढ़कर 700, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े ग्राम 55 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गए हैं। 2014 में जब मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री चेहरे के रूप में आए तो एक कार्यक्रम में उन्होंने हाईवे के साथ ‘आईव’ की बात कही थी, 2014 में ग्राम पंचायतों तक पहुंचने वाले आप्टिकल फाइबर की लम्बाई 380 किलोमीटर थी, आज 6 लाख किलोमीटर है और हर दिन 12 किलोमीटर के मुकाबले प्रतिदिन 28 किलोमीटर सड़क निर्माण हो रहा है। सड़कें हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों तक जा पहुंची हैं।

उन्नत हुई रेल व्यवस्था

वंदे भारत ट्रेन,आधुनिक कोच, स्वच्छता और आधुनिक रेलवे स्टेशन भारत की उन्नत होती रेल व्यवस्था के प्रमाण हैं। 2014 तक 20 हजार किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हुआ था जबकि पिछले दस सालों में 40 हजार किलोमीटर नया विद्युतीकरण हुआ है। इसके अलावा 13.76 करोड़ घरों में नल कनेक्शन, 12 करोड़ शौचालय बनाकर खुले में शौच से शत प्रतिशत मुक्ति, 100 प्रतिशत गांवों में एलपीजी कनेक्शन, हर साल 55 करोड़ से अधिक नागरिकों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की गारंटी और इसके अंतर्गत 28.30 करोड़ आयुष्मान कार्ड और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र बने हैं।

प्रधानमंत्री जनधन योजना में 51 करोड़ खाते खोले गए, जिसमें 28.29 करोड़ महिलाओं के और 34 करोड़ ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों से हैं। इन खातों ने भ्रष्टाचार रोकने में बड़ी भूमिका निभाई।
हर देशवासी के सिर पर छत देने वाली पीएम आवास योजना ने भाजपा का चुनावी आधार मजबूत करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। 2023 तक शहरी क्षेत्रों में 77.27 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 2.41 करोड़ आवास हितग्राहियों को सौंपे जा चुके थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सीमांकन बहुत बड़ी समस्या रही है, इसके लिए स्वामित्व योजना के अंतर्गत गांवों के आवासों की ड्रोन से मैपिंग की जाती है। अब तक 2,35,569 गांवों को नक़्शे सौंपे जा चुके हैं।

चार जातियों का सशक्तिकरण

विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था, ‘‘देश में सिर्फ चार जातियां हैं -गरीब, युवा, महिलाएं और किसान। मैं इन चारों जातियों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा हूं।’’ केंद्र सरकार की योजनाओं में यह दिखता है। बीते सालों में 4 करोड़ से अधिक सुकन्या खाते खुले, जिनमें 1.5 लाख करोड़ रुपये जमा हुए। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में10 करोड़ परिवारों को रसोई गैस मिली। पीएम मुद्रा योजना में 44.46 करोड़ ऋण दिए गए। इसमें से 69 फीसदी महिला उद्यमियों को मिले। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 16.2 करोड़ नामांकन हुए। 23.38 लाख किसान पीएम मानधन योजना का हिस्सा बने और 24 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड बने। पीएम विश्वकर्मा योजना में 22.08 लाख कारीगरों और शिल्पियों का नामांकन हुआ।

कहने की आवश्यकता नहीं कि मोदी उपलब्धियों का पहाड़ लेकर विपक्षियों के सामने खड़े हुए हैं। इन उपलब्धियों को लेकर सब हितग्राहियों तक पहुंचना भाजपा के संगठन लिए बड़ी चुनौती है। मोटे तौर पर इन उपलब्धियों का जो अहसास जनमानस में है, उसे ही ‘मोदी की गारंटी‘ कहा जा रहा है। भाजपा की एक और ताकत है कि उसने नेतृत्व की कई कतारें खड़ी कर ली हैं, जिनकी लोगों में साख है। अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी और इन दिनों चर्चाओं में छाए तमिलनाडु के अन्नामलै सरीखे नेता मतदाताओं को प्रभावित करते हैं।

पिछली बार के 303 के आंकड़े से आगे जाने की इच्छुक भाजपा के इरादों और योजनाओं की झलक उसके गठबंधन में दिखाई पड़ रही है। राजग के चुनावी गठबंधन को देखने से ध्यान आता है कि छोटी से छोटी इकाइयों पर उसने ध्यान केंद्रित किया है, जबकि कांग्रेस व कथित ‘सेकुलर’ दलों का ‘इंडी’ गठबंधन कागज पर बड़े जोड़ दिखाता है। सांसद संख्या दृष्टि से कांग्रेस और द्रमुक इसके सबसे ‘ताकतवर’ दल हैं।

सड़कों का आधुनिक ताना-बाना लिख रहा नई विकास गाथा

विपक्षी योजना

विपक्षी दल मोदी से निपटने की जो तैयारी कर रहे हैं, राहुल गांधी की न्याय यात्रा के बयान उसकी बानगी देते हैं। न्याय यात्रा में राहुल लगातार जातीय पहचान और असंतोष को उभारने की कोशिश कर रहे हैं। ‘‘आप किस जाति के हो ? ओबीसी हो?… दलित कितने हैं?… तुम्हारे हिस्से का पैसा अंबानी -अदानी को दे दिया गया है ‘हम जातिगत जनगणना करवाएंगे’आदिवासियों को मारा जा रहा है…।’’ राहुल के भाषणों का 90 प्रतिशत हिस्सा यही है। अपने वोट बैंक को पक्का करने के लिए वह ‘ईवीएम’का विक्टिम कार्ड खेलते हैं, चुनाव आयोग को कोसते हैं और अपने ऊपर लगे नेशनल हेराल्ड आदि भ्रष्टाचार के आरोपों की सफाई में सीबीआई और ईडी को कोसते हैं। मकसद है अपने समर्थक आधार को एकजुट रखना, उसमें आक्रोश पैदा करना। अपनी-अपनी जरूरत और जायके के साथ यूपी-बिहार से लेकर तमिलनाडु और केरल तक ‘इंडी’ गठबंधन के नेता इस शैली का उपयोग करते हैं। इस गणित के साथ है, पुराना, आजमाया हुआ, अल्पसंख्यक वोट बैंक का नुस्खा, लेकिन संभलकर।

विपक्षी दल संस्कृति केंद्रित हिंदू विचार के उभार से सहमे हुए हैं। रोजा-इफ्तार ब्रांड वाला सेक्युलरिज्म अब उन्हें सहज नहीं लग रहा है। जालीदार टोपी और चौकड़ी वाले गमछे में सजे, बिना रोजा रखे रोजा तोड़ते, स्वघोषित सेकुलर नेताओं के छायाचित्र अब दुर्लभ हो चले हैं। इन दिनों ज्यादातर सेकुलर दलों में तिलक, रामनामी गमछे, धोती और रुद्राक्ष का फैशन है, द्रमुक और वामपंथियों को छोड़कर। क्योंकि ये उनकी सियासत के खांचे में नहीं बैठता। अब राहुल और प्रियंका वाड्रा के भाषणों में पांडव, अर्जुन और भगवान राम के जिक्र आ रहे हैं। राहुल गांधी का एक बयान खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह श्रोताओं से पूछ रहे हैं, ‘क्या पांडवों ने नोटबंदी की थी?’ अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के दावों पर भरोसा करें तो उनके सपनों में भगवान कृष्ण आकर उनसे बातें करते हैं।

कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार अवश्य किया लेकिन ट्विटर पर कांग्रेस दिग्गजों ने भगवान राम के नाम की खूब दुहाई दी। देशभर में कांग्रेस के वर्तमान और पूर्व सांसदों -विधायकों ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं देते पोस्टर लगाए और सोशल मीडिया पोस्ट वायरल किए। कई कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों ने 22 जनवरी को दीप जलाने और घंटे-घड़ियाल, शंख इत्यादि बजाने की अपील भी की। उत्तर और मध्य भारत में कांग्रेस और अन्य ‘सेकुलर’ दलों की नई-नई सीखी अदा है-हिंदू दिखना।

दक्षिण भारत के विपक्षी दलों तथा कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु कांग्रेस की रणनीति अलग है। कांग्रेस हर राज्य में अलग भाषा बोल रही है। कश्मीर में वह अनुच्छेद 370 हटाने पर सवाल उठाते हैं, उत्तर प्रदेश में तो जय सिया राम का नारा लगाते हैं लेकिन दक्षिण भारत में जाकर खड़गे ‘सनातन’ का भय दिखलाते हैं।

गठबंधन की ढीली गांठें

विपक्षी दलों का गठबंधन मूलत: मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयास है। हिंदू वोट का जाति के आधार पर बंटवारा और मुस्लिम वोट को मुस्लिम पहचान के नाम पर एकजुट रखना। दशकों का अनुभव है कि क्षेत्रीय दलों के जाति आधारित वोट प्राय: गठबंधन के दूसरे दलों को स्थानांतरित नहीं होते, लेकिन अधिकांश मुस्लिम मतदाता भाजपा के विरुद्ध लगातार रणनीतिक मतदान कर रहा है। इसलिए मुस्लिम मतदाताओं के भयादोहन के उद्देश्य से बयान दिए जाते हैं। इसी कारण राहुल गांधी लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वीर सावरकर और गोडसे पर तथ्यहीन बयानबाजी करते हैं।

विदेश में जाकर भारत में ‘अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न’ और लोकतांत्रिक संस्थाओं के समाप्त होने के दावे करते हैं। फिर भारत में इन बयानों पर योजनाबद्ध रूप से मजहबी मजमों में, छोटे-बड़े समूहों में और छोटे-छोटे प्रकाशनों के माध्यम से चर्चाएं की जाती हैं। व्हाट्सएप समूह सक्रिय हो जाते हैं। तेलंगाना-कर्नाटक-तमिलनाडु और केरल के अन्य गैर भाजपा दल के नेता भी इस प्रकार के वक्तव्य देते रहते हैं। इसके साथ कॉकटेल बनता है विपक्षी दलों की सत्ता वाले राज्यों में चलाई जा रही मुस्लिम केंद्रित योजनाओं का।

मुस्लिम तुष्टीकरण की बाढ़

कुछ तथ्यों पर गौर करें। तेलंगाना में मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण दिया गया है। हैदराबाद में आकर बस रहे रोहिंग्याओं की अनदेखी की जाती है और हैदराबाद मुक्ति दिवस नहीं मनाया जाता। चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी, परंतु नीतियां नहीं बदलीं। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने मुसलमानों से सात विशेष वादे किए थे। ये थे, सरकारी ठेकों में मुस्लिम युवाओं विशेष अवसर, मुसलमानों के लिए विशेष अस्पताल , मुस्लिम छात्रों के लिए विशेष रहवासी विद्यालय, गरीब मुस्लिम छात्रों को 20 लाख रुपए की सहायता, मुस्लिम शिक्षकों की भर्ती करने के लिए उर्दू जिला चयन समितियों का गठन, मस्जिदों और चर्च को मुफ्त बिजली, ‘मजहब के आधार पर भेदभाव’ करने वाली निजी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई आदि।

अपने-अपने निशाने

मोदी के नेतृत्व में जब राजग ‘चार सौ पार’ का नारा लगा रहा है, तब विपक्षी दल मोदी की बढ़त को 272 के पहले रोकने की जुगत भिड़ा रहे हैं। उनका लक्ष्य जीतना नहीं , मोदी की जीत का मजा किरकिरा करना है। मोदी का भय साफ देखा जा सकता है। लेकिन अगर आज कुछ चलता दिख रहा है तो बस मोदी की गारंटी।

Topics: अनुच्छेद 370सनातनSanatanइंडी गठबंधनIndi Coalitionsecularपाञ्चजन्य विशेषनरेंद्र मोदीद्रमुकdmkआयुष्मान कार्ड और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रभगवान कृष्णLeftLord Krishna
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies