पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने राजनीतिक आका अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी का शोक मनाने में व्यस्त हैं और उधर उनके गृहजिले संगरूर में जहरीली शराब हर क्षण लोगों को काल का ग्रास बना रही है। जिले की दिड़बा तहसील के गांव गुज्जरां में नौ लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को सुनाम की टिब्बी रविदासपुरा बस्ती में जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई थी। वहीं शनिवार को चार और लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मौत का आंकड़ा 21 हो गया है।
शनिवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती रवि नाथ, सुखदेव सिंह, कर्मजीत सिंह और बिट्टू सिंह की मौत हो गई। इन मौतों के बाद टिब्बी रविदास पुरा बस्ती के हर घर में मातम पसरा हुआ है। इस मामले में सबसे दुखद पहलू यह है कि पंजाब की वर्तमान सत्ता का पूरा दारोमदार और केंद्र संगरूर ही है। खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा इसी जिले के हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी पीड़ितों का हाथ नहीं पकड़ा है।
सुनाम की टिब्बी रविदासपुरा बस्ती की लोगों ने बताया कि यहां शराब का धंधा सरेआम चलता है। सस्ती व खुल शराब देने का लालच देकर लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां खुले सरसों के तेल के पैकेट की तरह 10-10 रुपये में शराब का पैग-पैग बनाकर बेचा जाता है, जिसकी लालच में आकर गरीब लोग इसे खरीद लेते हैं। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी के द्वारा भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी से संगरूर के जहरीली शराब मामले की रिपोर्ट तुरंत मांगी है। आयोग की जानकारी के अनुसार इस मामले में करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लोग संगरूर और पटियाला जिले के अलग-अलग अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी पंजाब को एक पत्र लिख कर इस समूचे घटनाक्रम के बारे तुरंत प्राथमिक रिपोर्ट और विस्तृत रिपोर्ट आज ही देने के लिए कहा है जिससे इस संबंधी भारतीय निर्वाचन आयोग को अवगत करवाया जा सके। पंजाब सरकार की लापरवाही के चलते राज्य में जहरीली शराब का मुद्दा खतरनाक स्तर पर पहुंचता जारहा दिखाई दे रहा है।
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