बंदायू के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू बच्चों की गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई। इस वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पाञ्चजन्य तत्काल ग्राउंड पर पहुंचा । बच्चों की हत्या करने वाले साजिद के बारे में चौकाने वाला सच सामने आया।
दरअसल साजिद की मंशा एक या दो हत्या की नही थी बल्कि वह कई हत्याओं के उद्देश्य से पूरी तैयारी के साथ आया था। उसने पहले दो मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाया, उस्तरा जिससे वह सैलून में सेविंग बनाने का काम करता था उससे उसने बच्चों का सर तन से जुदा किया। इसी बीच बचाने आए एक अन्य बच्चे को भी अपना शिकार बनाने का प्रयास किया। लेकिन तीसरा बच्चा हत्यारों को चकमा देकर भागने में सफल रहा।
इधर 2 मासूम बच्चों की हत्या के बाद आरोपी घटनास्थल से भाग निकला और पुलिस से बचने के लिए भी तैयारी कर ली। जैसे ही पुलिस को घटना की जानकारी हुई टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गईं। काफी तलाश के बाद जब पुलिस का साजिद से सामना हुआ तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में एक गोली एक पुलिस अफसर के सीने में जाकर लगी। लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट ने पुलिस अफसर की जान बचा ली। इसके बाद पुलिस की जबावी कार्रवाई में साजिद ढेर हो गया।
पीड़ित परिवार करता रहता था मदद
आरोपी जावेद और साजिद हिंदू परिवार के घर के सामने ही सैलून चलाते थे। जानकारी करने पर पता चला कि यहां पर इनकी दुकान को खुलवाने ओर उसे चलवाने में हिंदू परिवार का ही सहयोग रहा है। आरोपियों का पीड़ित परिवार के घर आना-जाना रहता था। वे साजिद और जावेद को घर का हिस्सा समझते थे।
क्या बोले पुलिस के अधिकारी
बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने इस घटना के संबंध में बताया कि आरोपी साजिद कल शाम करीब 7:30 बजे घर में घुसा और छत पर गया जहां बच्चे खेल रहे थे। उसने दोनों बच्चों पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी। फिर वह नीचे आया जहां भीड़ ने उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भाग निकला। पुलिस की टीम तत्काल हरकत में आई।
हत्या के बाद कैसे भागे आरोपी
पुलिस के अनुसार साजिद व जावेद मोहल्ला सुन्दर नगर में दो बच्चों की हत्या करके भीड़ में से छिपकर गौरी शंकर मन्दिर से इकलहरी मुजाहिदपुर के जंगल से होकर शेखूपुर की तरफ भाग रहे थे। आरोपियों के भागने की जानकारी प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई को मिली। इसके बाद वे अपनी टीम के साथ सरकारी जीप से आरोपियों का पीछा करते हुए गांव इकलहरी की तरफ पहुंचे। रास्ते में मुखबिर ने सूचना दी कि एक व्यक्ति जिसके कपड़ों पर खून लगा है इसी रास्ते से भागा है और उसके हाथ में तमन्चा भी है तथा सिरसा दबरई के जंगल की तरफ तेजी से जा रहा है। उसके पीछे दो पुलिसकर्मी भी मोटरसाइकिल पर गये हैं। मुखबिर द्वारा मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम सिरसा दबरई के जंगल की तरफ गई । कुछ ही दूरी पर दबरई के जंगल में आगे दो अन्य पुलिसकर्मियों ने गौरव विश्नोई की टीम को जानकारी दी कि आरोपी पास में ही होगा। गौरव विश्नोई अपनी टीम के साथ आरोपी की तलाश में जुट गए। आरोपी ने पुलिस टीम को पास आते देख फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस अफसर के सीने पर लगी गोली
पुलिस द्वारा आरोपियों को कई बार सरेंडर करने की चेतावनी दी गई। लेकिन आरोपियों की तरफ से लगातार फायरिंग हो रही थी। एक गोली गौरव विश्नोई के सीने पर आकर लगी, लेकिन गनीमत यह रही की वह बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे और उनकी जान बच गई।
ऐ खुदा आज बचा ले
जब कई बार चेतावनी के बाद भी फायरिंग बंद नहीं हुई तो पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद एक आवाज आई “ऐ खुदा आज बचा ले” और फायरिंग बंद हो गई। टीम ने पास जाकर देखा तो आरोपी जमीन पर पड़ा दर्द से कराह रहा था। पुलिस ने आरोपी से जब नाम पता पूछा तो अपना नाम साजिद पुत्र बाबू निवासी सखानू थाना अलापुर जनपद बदायूं बताया और दो बच्चों की हत्या के जुर्म को स्वीकार करते हुए अपनी जान बचाने की गुहार लगायी। उसकी तलाशी लेने पर पैंट की जेब से चार जिंदा कारतूस बरामद हुए।
मृतकों के भाई ने दी अहम जानकारी
दोनों मृत बच्चों के भाई और घटना के चश्मदीद का कहना है, “सैलून वाले अंकल यहां आए थे। वह मेरे भाइयों को ऊपर ले गए, इसके बाद मुझे नहीं पता उन्होंने मेरे भाइयों को क्यों मारा। उन्होंने मेरे भाइयों को काट डाला वो सब देख कर मैं बहुत डर गया था। मैंने जब अपने भाइयों को बचाने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे भी मारने की कोशिश की, लेकिन मैं धक्का देकर वहां से नीचे भाग आया। उनके हमले से मेरे हाथ और सिर में चोटें आईं हैं।
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