महाराष्ट्र में अमरावती से तीन सप्ताह से अधिक की बैलगाड़ी से सतत यात्रा करके किन्नर अखाड़े की महंत अपनी टोली के साथ कारसेवकपुरम पहुंची। बैलगाड़ी से इतनी लंबी दूरी तय करने का उद्देश्य गोवंश की रक्षा का संदेश देना है। विदर्भ किन्नर संस्थान से जुड़ी और जूना अखाड़े से संबद्ध किन्नर अखाड़े से दीक्षित महंत गुड्डी बाई और मधु बाई अमरावती से इक्कीस फ़रवरी को राम लला के दर्शन के लिए बैलगाड़ी से रवाना हुईं।
भगवा वेशधारी गुड्डी बाई रास्ते भर मिले अपार स्नेह से अभिभूत हैं। वे लोग कारसेवकपुरम पहुंच गए हैं। पुरम के प्रभारी शिवदास सिंह ने उनके रहने और बैलों के चारे पानी का इंतजाम कराया। महंत की सहयोगी किन्नर मधु बाई उच्च शिक्षित हैं। वे बताती हैं कि कुछ दिन रामलला के दर्शन के उपरांत अयोध्या घूम टहलकर तब बैलगाड़ी से ही वापस जाएंगी।
टिप्पणियाँ