मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन की सरकार आपके आशीर्वाद के कारण है। आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ तो अयोध्या में रामलला का मंदिर बना। कांग्रेस और सपा रामलला का मंदिर नहीं बना पाते। जब वे गरीब को राशन, मकान, स्वास्थ्य सुविधा और राम मंदिर का निर्माण कर आस्था को सम्मान नहीं दे सकते तो अपना वोट खराब कर उन्हें बोझ के रूप में क्यों स्वीकार करते हैं। जो बिना भेदभाव कार्य करे, सत्ता में आने का अधिकार उसे ही होना चाहिए। देश में एक ही आवाज है, 2024 में फिर एक बार-मोदी सरकार।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उन्नाव के काली मिट्टी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय परिसर में 241.26 करोड़ की 103 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया और सातन पासी के किले के पुनरुद्धार की बात भी कही। सीएम ने कहा कि विकसित भारत हमारा संकल्प होना चाहिए। हर नागरिक के लिए पीएम ने पंच प्रण की बात की। नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन तभी हो पाएगा, जब व्यक्ति संविधान पर विश्वास करेगा, जब उसके लिए देश सर्वोपरि हो। हम सभी का लक्ष्य देश प्रथम होना चाहिए। इस लक्ष्य के साथ काम करने पर देश आगे बढ़ता है। भारत का पहले दुनिया में सम्मान नहीं था, लोग टिप्पणी करते थे, लेकिन 10 वर्ष में भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास की नित नई बुलंदियों को छूता दिख रहा है। भारत आज नेतृत्वकर्ता के रूप में दिखाई दे रहा है। अमृत काल का द्वितीय वर्ष प्रारंभ होने वाला है। मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाकर विकसित भारत का शंखनाद करना है। विकसित भारत के लिए पीएम मोदी से लेकर प्रधान-पार्षद भी आगे बढ़कर काम कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि जिस यूपी में कोई आना नहीं चाहता था, वहां जीबीसी में साढ़े दस लाख करोड़ के प्रस्ताव धरातल पर उतरते दिखे। भारत तब विकसित होगा, जब यूपी विकसित होगा और यूपी तब विकसित होगा, जब उन्नाव जैसे जनपद विकास प्रक्रिया के साथ बढ़ेंगे और उन्नाव तब विकसित होगा, जब चंद्रिका खेड़ा जैसे गांव भी विकसित होंगे। हर गांव, निकाय आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। हम बहुत शीघ्र फैमिली आईडी जारी करने जा रहे हैं। 15 करोड़ लोगों की फीडिंग कर दी है। जिस दिन लागू करेंगे, उस दिन यूपी के हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार से जोड़ने के अलावा सौ फीसदी सेच्युरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बड़ी कार्ययोजना को बढ़ाया है। सात वर्ष में यूपी में छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले।
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