गत 1 मार्च को नई दिल्ली में ‘मैन आफ दी मिलेनिया : डॉ. हेडगेवार’ पुस्तक का विमोचन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले। उन्होंने कहा कि संघ की आधारशिला रखने वाले डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार एक समग्र राष्ट्रीय सोच वाले व्यक्ति थे। राष्ट्रभक्ति की भावना उनके अंदर जन्मजात थी। उन्होंने राष्ट्र के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। आज की पीढ़ी उनकी देशभक्ति और राष्ट्रीय विचारों से प्रेरणा लेती है।
उन्होंने कहा कि डॉ. साहब ने जिस विचारधारा से संघ खड़ा किया आज उसका अध्ययन विश्व के अनेक संस्थान कर रहे हैं। संघ को समझने के लिए संघ को दूर से नहीं, बल्कि नजदीक से देखें, समझ में आए तो रहें वरना चले जाएं। संघ को समझने के लिए व्यक्ति को दिमाग के साथ दिल की भी आवश्यकता पड़ती है, क्योंकि इसके कार्यकर्ता राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ कार्य करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक डॉ. साहब के संपूर्ण जीवन और उनकी कार्यशैली को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। डॉ. साहब ने संघ में ‘मैं नहीं, हम’ की परंपरा का विकास किया और एक ऐसी टीम खड़ी की जिसकी प्राथमिकता और कार्यशैली में समाज उत्थान, राष्ट्रीय स्वाभिमान और व्यक्ति निर्माण शामिल था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस. अब्दुल नजीर ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने जिस संगठन की नींव रखी थी, आज पूरा विश्व उसके कार्यों से प्रेरणा ले रहा है। सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के मूल मराठी लेखक थे नाना पालकर। स्व. डॉ. अनिल नैने ने इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया है।
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