प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आज सुबह ही ईडी की टीम ने इरफान सोलंकी और उनके परिवार के लोगों के घरों पर छापेमारी की है। ईडी की टीम ने जाजमऊ स्थित सपा विधायक के आवास पर यह एक्शन लिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीम सुबह 6 बजे अर्धसैनिक बलों के साथ सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान, अरशद और इरफान के पिता स्व. हाजी मुस्ताक के पुराने घर पर रेड की। आरोपी विधायक के घर की बालकनी तक पर महिला अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। सभी लोगों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। विधायक के आवास को चारों तरफ से घेर लिया गया है। न ही कोई अंदर आ सकता है और न ही किसी को बाहर जाने की इजाजत है। अभी छापेमारी चल रही है।
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क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, इरफान सोलंकी पर एक महिला ने उसके प्लॉट कर कब्जा करने की नीयत से आगजनी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। जब मामले की जांच आगे बढ़ी तो ये मामला कुछ और ही निकला। इस मामले में सपा विधायक के खिलाफ एमपीएमलए कोर्ट में केस चल रहा है। मामले की जांच ईडी कर रही है। वहीं सपा विधायक फिलहाल एक साल से यूपी की महाराजगंज जेल में हैं। 14 मार्च 2024 उनके मामले में फैसला आना है। इसके अलावा उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का केस भी चल रही है। इस मामले में सोलंकी के खिलाफ लखनऊ के कर्नलगंज थाने में मामला दर्ज है। गवाह और चार्जशीट पेश किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सोलंकी का लंबा क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। उनके खिलाफ अब तक 17 केस दर्ज हो चुके हैं।
राज्यसभा चुनाव में भी वोट देने की मांगी थी इजाजत
इरफान सोलंकी कई मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं, लेकिन हाल ही में जब यूपी में राज्यसभा चुनाव हुए तो सोलंकी ने सोचा विधायक होने के नाते वोट दे देते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने वकील आसिफ खान के जरिए कोर्ट में याचिका दायर की। उदाहरण दिया कि जिस तरह से झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जेल में रहते हुए बजट सत्र में शामिल हुए थे, उसी तरह से उन्हें भी वोटिंग की इजाजत दी जाए। हालांकि, कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
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