इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग, नए मीडिया, ई-कॉमर्स माध्यमों, मोबाइल फोन और कंप्यूटर ने हमारे आसपास आजीविका के लिहाज से भी बड़े आश्चर्यजनक बदलावों को जन्म दिया है।
पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच नए ढंग के कामकाज, विक्रेता, नए ढंग के ग्राहक, उत्पाद, नए ढंग की डिलीवरी और भुगतान प्रणालियां आ गई हैं। इससे जाहिर है कि हम एक बहुत बड़े परिवर्तन के दौर में हैं
काम-धंधे के बारे में जिन लोगों की जानकारी पारंपरिक स्रोतों तक सीमित है, वे ऐसी खबरें पढ़कर भौंचक रह जाते हैं कि 25 साल के किसी युवक ने इंटरनेट के जरिए एक करोड़ रुपये मासिक का कारोबार खड़ा कर लिया है। वह भी कोई कर्मचारी रखे बिना। इसी तरह के आश्चर्य में हम तब डूब जाते हैं, जब कहीं यह पढ़ने या सुनने को मिलता है कि फलां कॉलेज छात्रा ने, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, हाल ही में एक नया घर और बड़ी गाड़ी खरीदी है- अपनी सोशल मीडिया की कमाई से।
रातोंरात इस तरह की समृद्धि के किस्से अविश्वसनीय लगते हैं, लेकिन इनमें से बहुत सारे किस्से सच हैं। इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग, नए मीडिया, ई-कॉमर्स माध्यमों, मोबाइल फोन और कंप्यूटर ने हमारे आसपास आजीविका के लिहाज से भी बड़े आश्चर्यजनक बदलावों को जन्म दिया है। अब आमदनी के ऐसे जरिए सामने आ गए हैं, जिनके बारे में अभी दो दशक पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। इन माध्यमों ने आय के साथ-साथ अपनी पहचान बनाने के भी नए रास्ते खोल दिए हैं।
आज लाखों लोग, विशेषकर युवा इन माध्यमों का प्रयोग करके ठीक-ठाक पैसे कमा लेते हैं और इनमें से बहुत सारे छोटे गांवों-कस्बों से आते हैं। भले ही उनकी भाषा हिंदी हो या तमिल, बांग्ला हो या अंग्रेजी, इन माध्यमों पर सबके लिए कोई न कोई अवसर मौजूद है। इसकी वजह स्पष्ट है। आज हर भाषा बोलने वाले लोग इंटरनेट तथा सोशल मीडिया पर मौजूद हैं तथा सभी अच्छे कंटेंट, सेवाओं आदि की तलाश में हैं।
यह विशाल वर्चुअल आबादी एक बहुत बड़ा बाजार है, जिसका आकार लगातार बढ़ रहा है और जिसमें बिकने वाली सामग्री भौतिक (कंप्यूटर, मोबाइल, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि) भी हैं तो आभासी (वीडियो, आडियो, आनलाइन कक्षाएं, वेबसाइटें आदि) भी। पिछले कुछ सालों में हमारे बीच आ गए हैं- नए ढंग के कामकाज, नए ढंग के विक्रेता, नए ढंग के ग्राहक, नए ढंग के उत्पाद, नए ढंग की डिलीवरी प्रणालियां और नए ढंग की भुगतान प्रणालियां। जाहिर है, हम एक बहुत बड़े परिवर्तन के दौर में हैं।
आपका ब्लॉग चूंकि दुनिया भर में देखा जा सकता है, इसलिए वह तब भी आपके लिए कमाई कर रहा होता है, जब आप सो रहे होते हैं। आजकल जो विषय चर्चा में हैं, उन पर केंद्रित ब्लॉग ज्यादा तेजी से सफल होते हैं। यहां पर दस-बीस हजार रुपये महीने की कमाई करना कोई मुश्किल काम नहीं है। हालांकि अमित अग्रवाल जैसे ब्लॉगर पचास-साठ लाख रुपये महीने तक की कमाई कर रहे हैं।
अगले कुछ अंकों में हम इंटरनेट के जरिए सामने आए ऐसे ही नए जरियों की चर्चा करेंगे। इनमें से एक है-ब्लॉगिंग। अगर आपके भीतर किसी भी तरह का कंटेंट बनाने की क्षमता है, तो इंटरनेट आपके लिए धन और नाम दोनों कमाने का जरिया बन सकता है। अगर आप सीधी-सादी और साफ भाषा में लिख सकते हैं और आपको आजकल के हालात का ठीकठाक अंदाजा है तो ब्लॉगों की दुनिया में आ सकते हैं। ब्लॉग का मतलब इंटरनेट पर मौजूद एक छोटी-मोटी वेबसाइट जिस पर नियमित रूप से लेख, खबरें, समीक्षाएं, कहानियां, हंसी-मजाक या काम की बातें पोस्ट की जाती हों।
ऐसी वेबसाइटों पर गूगल एडसेंस समेत कई माध्यमों से विज्ञापन मिलने लगते हैं और अगर आपके ब्लॉग की कुछ पोस्ट चल निकलें तो फिर आमदनी का एक नया जरिया खड़ा हो जाता है। फिर नियम से अपनी टिप्पणियां पोस्ट करते रहिए और पैसे गिनते रहिए। आपका ब्लॉग चूंकि दुनिया भर में देखा जा सकता है, इसलिए वह तब भी आपके लिए कमाई कर रहा होता है, जब आप सो रहे होते हैं। आजकल जो विषय चर्चा में हैं, उन पर केंद्रित ब्लॉग ज्यादा तेजी से सफल होते हैं। यहां पर दस-बीस हजार रुपये महीने की कमाई करना कोई मुश्किल काम नहीं है। हालांकि अमित अग्रवाल जैसे ब्लॉगर पचास-साठ लाख रुपये महीने तक की कमाई कर रहे हैं।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं)
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