कलकत्ता हाई कोर्ट की फटकार के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस की नींद टूटी और 55 दिन की खींचतान के बाद संदेशखाली के मुख्य आरोपित और तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को आखिरकार बंगाल पुलिस ने गत रात मिनाखां इलाके से गिरफ्तार कर लिया। शेख शाहजहां पर संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोपी है।
वहीं संदेशखाली को लेकर चारो तरफ से आलोचना का शिकार होने के बाद TMC ने भी शेख शाहजहां को 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।
वहीं पुलिस ने शेख शाहजहां को बशीरहाट कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसके साथ ही कोलकाता पुलिस ने इसकी जांच क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CID) को सौंप दी है।
क्या बोले पुलिस अधिकारी
साउथ बंगाल के ADG सुप्रतिम सरकार ने कहा कि वह 5 जनवरी को ED अफसरों पर हुए हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल था। उसे इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि ED की टीम पर हमले में शेख शाहजहां ने अपनी भूमिका कबूल कर ली है।
शाहजहां शेख ममता सरकार की दामन-ए-रहमत में था महफूज
वहीं शेख शाहजहां की गिरफ़्तारी के बाद भाजपा सांसद और प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आज कहा कि शाहजहां शेख महफूज ठिकाने पर ममता सरकार की दामन-ए-रहमत में महफूज था। अब उसे दोबारा हिफाजत देने के लिए ताकि उसे ईडी और सीबीआई द्वारा गिरफ्तार न किया जा सके, इसलिए पश्चिम बंगाल पुलिस की मेहमाननवाजी में चला गया है। मेहमाननवाजी इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि गिरफ्तारी के दौरान शाहजहां शेख की जो बॉडी लैंग्वेज थी, वह किसी गुनहगार की नहीं लग रही थी। एजेंसियों की 56 दिनों की तलाश के बाद आखिरकार शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शाहजहां शेख की गिरफ़्तारी के समय उसकी शारीरिक भाषा का विश्लेषण करें और ध्यान दें कि वह कितनी निडरता से चल रहा था। सवाल उठता है कि क्या किसी जघन्य अपराध का आरोपित इस तरह चलने की हिम्मत करेगा ? ममता बनर्जी ने पहले सदन में उनका बचाव किया और अब उन्हें पुलिस सुरक्षा प्राप्त है। उन्होंने मीडिया को जो विक्ट्री साइन दिखाया, उसका मतलब क्या था?
उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि उनकी गिरफ्तारी वारंट में महिलाओं के खिलाफ अपराध का कोई जिक्र नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट है कि बंगाल सरकार के रुख का संदेशखाली की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है। अगर उन्हें ईडी से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किया गया है तो बंगाल सरकार उन्हें ईडी को क्यों नहीं सौंपती?
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