France: क्या यूरोपीय देश भेजेंगे Ukraine की मदद में सेनाएं? राष्ट्रपति Macron के प्रस्ताव पर छिड़ी बहस
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

France: क्या यूरोपीय देश भेजेंगे Ukraine की मदद में सेनाएं? राष्ट्रपति Macron के प्रस्ताव पर छिड़ी बहस

रक्षा जानकारों का मैक्रों के उक्त विचार पर यही कहना है कि यूरोपीय देशों की सेनाओं को यूक्रेन की मदद के लिए जमीन पर उतारना बहुत महंगा पड़ सकता है और युद्ध अनियंत्रित होकर व्यापक हो सकता है

by WEB DESK
Feb 28, 2024, 05:32 pm IST
in विश्व
शिखर वार्ता में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

शिखर वार्ता में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पेरिस में रूस—यूक्रेन युद्ध के दो साल पूरे होने पर सम्पन्न हुई दो दिवसीय शिखर वार्ता के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संकेत दिया कि यूरोप नहीं चाहता कि यूक्रेन यह युद्ध हार जाए इसलिए जरूरत पड़ी तो हमें अपनी सेनाएं यूक्रेन की कदद के लिए भेजनी होंगी। हालांकि इस शिखर वार्ता में इस बाबत कोई सहमति नहीं बन पाई। लेकिन मैक्रों ने इस विषय को उठाकर इस बारे में एक चर्चा जरूर शुरू कर दी है।

फ्रांस की राजधानी में लगभग 20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में दो दिन तक रूस—यूक्रेन युद्ध को लेकर अनेक आयामों पर चर्चा चली। इस बैठक में कतर के अमीर की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही। कतर इस्राएल—हमास युद्ध में मध्यस्थ की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पेरिस वार्ता का कोई ठोस नतीजा निकलकर न आना यह बताता है कि यूरोपीय संघ के भीतर भी कुछ मुद्दों पर सर्वसहमति नहीं है। बैठक खत्म होने के फौरन बाद ही, कम से कम चार देशों की तरफ से बयान आ गए कि फिलहाल सेनाएं यूक्रेन भेजने को कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है। हथियारों और पैसे से मदद की ही जा रही है। लेकिन, इसके बाद भी पत्रकारों से बात करते हुए मैक्रों ने उम्मीद जताई कि आगे ऐसा होने की संभावना तो बनी ही हुई है।

बैठक में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा सहित बाल्टिक देशों के अनेक नेता भी उपस्थित थे

उल्लेखनीय है कि यह बैठक भी मैक्रों की पहल पर ही बुलाई गई थी। इसीलिए बैठक की जानकारी देते हुए मैक्रों ने कहा कि कह नहीं सकते कब ऐसे हालात बन जाएं कि यूरोपीय देशों को अपनी सेनाएं यूक्रेन की मदद के लिए भेजनी पड़ें। आज भले इस बात पर सहमति नहीं बन पाई है लेकिन आगे के बारे में अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता। हालांकि मैक्रों ने यह खुलासा नहीं किया है कि वे कौन से देश हैं जो सेनाएं भेजने के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन मैक्रों ने फिर से बलपूर्वक कहा कि हम हर वह कदम उठाएंगे जिससे रूस युद्ध न जीते।

फ्रांस के राष्ट्रपति ने बैठक में मौजूद यूरोप के नेताओं से यह कहा भी युद्ध के मैदान में रूस के हमलों का प्रतिकार करने के लिए यूक्रेन को अपना समर्थन देना ही होगा। मैक्रों ने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा में हमारी अपनी सामूहिक सुरक्षा ही पुख्ता कर रहे हैं।

यूरोप के कुछ नेताओं को इस बात की भी चिंता है कि कहीं अमेरिका यूक्रेन की मदद से पीछे न हट जाए, क्योंकि अमेरिकी कांग्रेस कीव को सहायता दिए जाने में आनाकानी का मूड बनाती दिख रही है। चिंता इस बात की भी है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहीं वापस व्हाइट हाउस में लौटे तो अमेरिका की नीतियों में व्यापक बदलाव आ सकता है।

राष्ट्रपति के महल एलीसी पैलेस में हुई इस बैठक में लगभग सभी का भाव यही था कि कैसे भी रूस यह युद्ध न जीत सके। बैठक में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा सहित बाल्टिक देशों के अनेक नेता भी उपस्थित थे। मैक्रों ने अपनी भूमिका में संकेत किया कि इधर कुछ महीनों से रूस की आक्रामकता बढ़ी है। रूस नए हमलों की तैयारी में है।

इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की वीडियो के माध्यम से जुड़े। उन्होंने यूरोप के नेताओं से यह पक्का करने की अपील की कि राष्ट्रपति पुतिन को हम अपनी उपलब्धियों को बर्बाद नहीं करने दे सकते।

हालांकि विदेश नीति और रक्षा जानकारों का मैक्रों के उक्त विचार पर यही कहना है कि यूरोपीय देशों की सेनाओं को यूक्रेन की मदद के लिए जमीन पर उतारना बहुत महंगा पड़ सकता है और युद्ध अनियंत्रित होकर व्यापक हो सकता है। ऐसा हुआ तो कई देश रूस से दुश्मनी के निशाने पर आ जाएंगे। यूक्रेन से युद्ध एक बात है ​लेकिन रूस से हमेशा के लिए संबंध बिगाड़ लेना दूसरी ही बात है। इसलिए इस मुद्दे पर कोई सहमति बनना बहुत टेढ़ी खीर है।

इस बैठक में अमेरिका की तरफ से यूरोप के शीर्ष राजनयिक जेम्स ओ’ब्रायन मौजूद थे तो ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून वहां थे। यूरोप के कुछ नेताओं को इस बात की भी चिंता है कि कहीं अमेरिका यूक्रेन की मदद से पीछे न हट जाए, क्योंकि अमेरिकी कांग्रेस कीव को सहायता दिए जाने में आनाकानी का मूड बनाती दिख रही है। चिंता इस बात की भी है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहीं वापस व्हाइट हाउस में लौटे तो अमेरिका की नीतियों में व्यापक बदलाव आ सकता है।

Topics: kievarmyQatarयूक्रेनweaponsukraineरूसeuropian unionअमेरिकाFranceamericarussiawar
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत के एनएसए अजीत डोवल

Operation Sindoor: NSA Doval ने जिन्ना के देश के एनएसए से कहा-भारत तनाव नहीं चाहता, लेकिन हिमाकत की तो कड़ा जवाब मिलेगा

धर्म की जय, अधर्म का नाश

‘टेक्सास में इस्लाम के लिए कोई जगह नहीं, शरिया कानून हावी नहीं होगा’, MAGA समर्थक वैलेंटिना का Video वायरल

Representational Image

पाकिस्तान विरोधी मोर्चे में भारत के साथ आया रूस, जिन्ना के देश के छूटे पसीने, फौरन अपना दूत मॉस्को रवाना किया

खालिस्तानी तत्वों को पोसने वाले एनडीपी अध्यक्ष जगमीत सिंह

खालिस्तानी सोच के जगमीत को पड़ा तमाचा, कनाडा में मार्क कार्नी बढ़े जीत की ओर, लिबरल की बन सकती है सरकार

भारत और फ्रांस के बीच राफेल-एम सौदे पर हस्ताक्षर

पाकिस्तान के लिए आया नया संकट, भारत-फ्रांस में Rafale-M डील फाइनल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies