राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने संदेशखाली दौरे के बाद राज्य पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां की महिलाओं को मुंह बंद रखने को कहा गया है। पुलिस के डर से वे कुछ भी नहीं बोल रही हैं। लेकिन यहां जो अत्याचार हुआ वह झकझोर देता है। संदेशखाली को केंद्र में रखते हुए पाञ्चजन्य ने उनसे विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं कि संदेशखाली में एक दुष्प्रचार के तहत माहौल खराब किया जा रहा है। आप स्वयं पीड़िताओं से मिली हैं। आपने वहां क्या महसूस किया?
देखिए, संदेशखाली की महिलाएं बुरी तरह से प्रताड़ित हैं। उनका शोषण किया गया है। दो बलात्कार पीड़िताओं के बयान खुद मैंने सुने हैं। अभी बलात्कार की एक शिकायत मैंने कराई है। यहां की महिलाओं ने कहा कि यह सब बताने में हमें डर लग रहा है। एक तरफ पुलिस का डर तो दूसरी तरफ समाज का डर। संदेशखाली में बहुत बुरी हालत है। महिलाएं मेरे सामने रो रही थीं। कई महिलाएं तो आपबीती कह नहीं पा रही हैं तो कईयों ने अपनी बच्चियों को बाहर भेज दिया है। इन्हें शंका है कि कहीं उन बच्चियों के साथ कुछ गलत न हो जाए। इन महिलाओं को पुलिस से भी डर है। वह पुलिस थाने नहीं जाना चाहतीं। इसलिए मैं उन्हें साथ लेकर गई और लिखित में पुलिस के शिकायत दी है।
आपको कितनी शिकायतें मिलीं? मैं भरोसा दिलाती हूं कि राष्ट्रीय महिला आयोग पीड़िताओं को वकील भी उपलब्ध कराएगा ताकि उनको न्याय मिल सके। अब रही बात राज्य की मुख्यमंत्री की तो मैं कहना चाहती हूं कि एक महिला होकर इस तरीके की बात उन्हें शोभा नहीं देती। महिलाओं के लिए उनके मान-सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं होता।
मेरे पास करीब 145 से ज्यादा महिलाओं की शिकायतें हैं। इसमें तीन बलात्कार, 9 गंभीर शोषण की और बाकी भी शिकायतें ऐसी ही हैं। हम अंदाज तक नहीं लगा सकते वहां महिलाओं के साथ क्या हुआ है। इसके अलावा दस ऐसी शिकायतें भी मेरे पास हैं, जिसमें पीड़िता के परिवारों को उठा लिया गया है। कई पुरुष तक घर छोड़ गए हैं। छोटे बच्चे के सिर पर पिस्तौल रखी जाती है कि अगर शिकायत वापस नहीं ली तो मार दिए जाओगे। ऐसे में कहां कानून-व्यवस्था है? इससे पहले मैंने कहीं भी इतना दर्द नहीं देखा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तुरंत त्यागपत्र देना चाहिए।
मैं भरोसा दिलाती हूं कि राष्ट्रीय महिला आयोग पीड़िताओं को वकील भी उपलब्ध कराएगा ताकि उनको न्याय मिल सके। अब रही बात राज्य की मुख्यमंत्री की तो मैं कहना चाहती हूं कि एक महिला होकर इस तरीके की बात उन्हें शोभा नहीं देती। महिलाओं के लिए उनके मान-सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं होता।
इन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आयोग आगे क्या करेगा?
मैं वहां की महिलाओं को भरोसा दिलाना चाहती हूं कि राष्ट्रीय महिला आयोग उनके साथ है। वे बिना डर हमारे पास आएं। दूसरी बात, जब तक अपराधी पकड़े नहीं जाएंगे, यहां की महिलाएं डरी रहेंगी। पुलिस ऐसे गुंडों तत्काल गिरफ्तार करे।
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