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China: 100 बौद्ध भिक्षु गिरफ्तार, सिचुआन में बांध बनाने का हो रहा जबरदस्त विरोध

बौद्धों का कहना है कि इस बांध के बनने से उसके पानी के दायरे में कम से कम छह बौद्ध आएंगे और पानी में समा जाएंगे। इस बांध की वजह से दो गांवों के लोगों को वहां से अन्यत्र जाकर बसना पड़ेगा

by WEB DESK
Feb 24, 2024, 02:40 pm IST
in विश्व
14 फरवरी से गार्जे तिब्बती स्वायत्त प्रांत की डेगे काउंटी में वांगबुडिंग टाउनशिप की सड़कों पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

14 फरवरी से गार्जे तिब्बती स्वायत्त प्रांत की डेगे काउंटी में वांगबुडिंग टाउनशिप की सड़कों पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

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किसी भी मत—पंथ को न मानने वाले चीन की कम्युनिस्ट सरकार अपने यहां बचे—खुचे बौद्धों के पीछे भी हाथ धोकर पड़ी है। इन दिनों चीन के सिचुआन प्रांत में बौद्धों को एक बार फिर चीनी कम्युनिस्टों के ​हाथों दमन का शिकार होना पड़ रहा है। यहां एक बांध बनाने को लेकर बौद्धों में उपजे आक्रोश को कुचलने के लिए वहां की पुलिस बौद्धों को गिरफ्तार कर जेल में डाल रही है। अब तक​ करीब 100 बौद्ध भिक्षुओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।

सियुआन में उस बांध को बनाने के विरुद्ध बौद्धों का विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसे कुचलने के लिए पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी विरोध प्रदर्शन के बीच कई बौद्ध भिक्षुओं को पकड़कर जेल में डाला गया है।

कम्युनिस्ट सरकार का जिस बांध को बनाने को लेकर ऐसा रवैया दिख रहा है, उस पर बौद्ध विरोध में क्यों उतरे हैं? दरअसल चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन में एक बड़ा बांध बनाया जा रहा है जिससे विरोध में उठे बौद्धों का कहना है कि इस बांध के बनने से उसके पानी के दायरे में कम से कम छह बौद्ध आएंगे और पानी में समा जाएंगे। इस बांध की वजह से दो गांवों के लोगों को वहां से अन्यत्र जाकर बसना पड़ेगा।

गत 14 फरवरी से गार्जे तिब्बती स्वायत्त प्रांत की डेगे काउंटी में वांगबुडिंग टाउनशिप की सड़कों पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन चल रहा है। स्थानीय बौद्ध व अन्य लोग यहां ड्रिचु नदी पर प्रस्तावित 2240 मेगावाट के गंगतुओ जलविद्युत स्टेशन परियोजना के विरोध में उतरे हैं। चीन के सरकार मीडिया का कहना है कि प्रस्तावित बांध असल में यांग्त्जी नदी के ऊपरी हिस्से पर बन रहा है, यह नदी चीन के महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक मानी जाती है।

भिक्षुओं ने विरोध स्वरूप काले कपड़े पहने हुए हैं। बांध परियोजना का काम देख रही संस्था आरएफए का कहना है कि गंगतुओ जलविद्युत परयिोजना की वजह से डेगे काउंटी में ऊपरी वोंटो तथा शिपा गांवों के साथ ही येना, वोंटो तथा खारधो मठों के साथ ही चामडो टाउनशिप में रबटेन, गोंसार और ताशी मठों के डुबान क्षेत्र में आने की बात है, इस वजह से यहां से सभी को कहीं और जाकर रहना होगा। इलाके के बौद्ध इसी बात का विरोध कर रहे हैं।

लेकिन यहां बसे बौद्ध इस बांध को अपने लिए विनाशकारी मान रहे हैं। एक तो इससे कई मठों के डूब जाने का खतरा है। दूसरे कम से कम दो गांव इसके डुबान क्षेत्र में आ जाएंगे जिसके वजह से यहां के गांव वालों को अपने पुरखों की जमीन को हमेशा के लिए छोड़कर कहीं और जाकर बसने को मजबूर होना पड़ेगा। इसीलिए वहां गत 14 फरवरी से विरोध प्रदर्शन छिड़ा हुआ है। इस प्रदर्शन में 300 से ज्यादा तिब्बती सड़कों पर पुलिस के दमन को झेल रहे हैं।

सिचुआन का कार्दजे स्वायत्त क्षेत्र अशांत है क्योंकि यहां फिलहाल सबसे ज्यादा तिब्बती बसे हुए हैं। यहीं पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई करके 100 बौद्ध भिक्षुओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बांध के विरुद्ध सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें की हैं, काली मिर्च स्प्रे छिड़का गया है। प्रदर्शन की अगुआई शांतिप्रिय बौद्ध भिक्षु कर रहे हैं।

भिक्षुओं ने विरोध स्वरूप काले कपड़े पहने हुए हैं। बांध परियोजना का काम देख रही संस्था आरएफए का कहना है कि गंगतुओ जलविद्युत परियोजना की वजह से डेगे काउंटी में ऊपरी वोंटो तथा शिपा गांवों के साथ ही येना, वोंटो तथा खारधो मठों के साथ ही चामडो टाउनशिप में रबटेन, गोंसार और ताशी मठों के डुबान क्षेत्र में आने की बात है, इस वजह से यहां से सभी को कहीं और जाकर रहना होगा। इलाके के बौद्ध इसी बात का विरोध कर रहे हैं।

Topics: Protestचीनbodhlamaarrestबौद्धसिचुआनChinaSichuanबांधdam
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