दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले कथित किसानों के आंदोलन (Farmers Protest 2.0) पर हरियाणा पुलिस सख्त हो गई है। हरियाणा की अंबाला पुलिस ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी लगातार निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सरकारी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों की संपत्तियों को कुर्क करके और उनके बैंक खातों को सीज करके की जाएगी।
अंबाला पुलिस की ओर से 22 जनवरी को जारी प्रेस नोट में इसकी जानकारी दी गई है। पुलिस का कहना है कि 13 फरवरी से किसान संगठनों और किसानों के दिल्ली कूच के बाद से से शम्भू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को लगातार तोड़ने की कोशिशें की जा रही है। हर दिन पुलिस प्रशासन पर पथराव करके, हुड़दगई करके लगातार कानून व्यवस्था को चुनौती दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर उन्होंने पहले ही सूचित कर दिया है कि अगर किसी सरकारी या फिर निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया तो इसकी भरपाई आदोलनकारियों से ही की जाएगी।
किसान आन्दोलन के दौरान हुई सरकारी सम्पति के नुकसान की भरपाई आन्दोलनकारियो की सम्पति की कुर्की और बैंक खातो को सीज करने की कार्यवाही शुरू ।
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अंबाला पुलिस ने कथित किसान आंदोलनकारियों को चेतावनी दी है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (PDPP एक्ट 1984) में संशोधन है। जिसमें आंदोलन के दौरान आन्दोलनकारियों के द्वारा सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने व आंदोलन के लिए जिम्मेदार संगठनों और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने का प्रावधान है।
नुकसान का आकलन कर रही पुलिस
अंबाला पुलिस का कहना है कि इस मामले में कथित किसानों द्वारा किए गए नुकसान का आकलन कर रही है। इस मामले में किसान संगठनों और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही को शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि इस आंदोलन में किसी भी आमजन की संपत्ति को अगर कोई नुकसान पहुंचा है तो वे इस नुकसान का ब्योरा प्रशासन को दे सकते हैं। पुलिस का कहना है कि हरियाणा संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम-2021 के अनुसार एक्शन लिया जाएगा।
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