दुनिया के लोकतांत्रिक देशों का अध्ययन करने वाली इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) ने साल 2023 के अपने अध्ययन को लेकर जो ताजा रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट से साफ है कि डेमोक्रेसी इंडेक्स में पाकिस्तान और नीचे लुढ़क गया है। रिपोर्ट में पाकिस्तान अब पहले वाली स्थिति से नीचे जा पहुंचा है। इसके मायने ये कि डेमोक्रेसी इंडैक्स में 11 पायदान नीचे गिरा पाकिस्तान अब लोकतंत्र कहलाने लायक न रहकर तानाशाही तंत्र वाले दर्जे में जा पहुंचा है।
दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश के संदर्भ में इस इंडैक्स में इस हद तक गिरना बहुत बड़ी गिरावट मानी जाती है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की इस रिपोर्ट के अनुसार पहले वाली रैंक से नीचे गिरा पाकिस्तान अपनी सरकारों की वजह से इस दयनीय स्थिति में जा पहुंचा है।
अब इस इंडैक्स ने पाकिस्तान को सत्तावादी शासन के वर्ग में पहुंचा दिया है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की इस रिपोर्ट में कुल 165 देशों की स्थिति का आकलन पेश किया गया है। इस सूची 28 देश ऐसे हैं जिनमें से 15 देश अपने पहले वाली रैंक को बचा नहीं पाए हैं। अपने यहां हालात में सुधार दर्शाने वाले सिर्फ 8 देश हैं।
दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश के संदर्भ में इस इंडैक्स में इस हद तक गिरना बहुत बड़ी गिरावट मानी जाती है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की इस रिपोर्ट के अनुसार पहले वाली रैंक से नीचे गिरा पाकिस्तान अपनी सरकारों की वजह से इस दयनीय स्थिति में जा पहुंचा है।
पहले डेमोक्रेसी इंडेक्स रिपोर्ट में पाकिस्तान के अंक थे 0.88 जो अब नीचे खिसककर 3.25 रह गए हैं। इसी का असर है कि पाकिस्तान विश्व की रैंकिंग में 11 पायदान लुढ़ककर अब 118वें नंबर पर आ पहुंचा है।
आखिर पाकिस्तान की इस गिरावट का कारण क्या है? इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में चुनावों में सेना की दखल देखने में आई है। साथ ही देश की अदालतों का काम भी उतनी स्वतंत्रता से नहीं हो पाता है।
हैरानी की बात नहीं कि एशिया महाद्वीप में पाकिस्तान ही इकलौता देश है, वहां इतनी बुरी गिरावट दर्ज हुई है। वहां जिस प्रकार का राजनीतिक—सैन्य तंत्र राज कर रहा है उसीक वजह से इसे तानाशाही शासन बताया गया है।
हैरानी की एक और बात। जब इस देश पर जनरल मुशर्रफ का राज था यानी 2006 में, तब भी इस इंडैक्स में पाकिस्तान का रैंक इतना बुरा नहीं था जितना अब 2023 का दिखा है। तब 2006 में डेमोक्रेसी इंडेक्स रिपोर्ट में पाकिस्तान का स्कोर 3.92 रहा था। सेना का राज होते हुए भी इस रिपोर्ट के अनुसार, हालात आज जितने खराब नहीं थे।
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