बुलंदशहर की मुस्लिम महिला शाहना ने बरेली में सनातन धर्म अपना कर घर वापसी की है। शाहना को उसके ससुरालियों ने तीन तलाक देकर ससुराल से निकाल दिया गया था। जिसके बाद पीड़िता ने सनातन धर्म अपनाकर बहेड़ी निवासी प्रेमी प्रकाश के साथ मंदिर में सात फेरे लेकर अपना नाम शारदा रख लिया।
हलाला के दबाब में छोड़ा इस्लाम
तीन तलाक देने के बाद से ही शाहना का शौहर उस पर हलाला का दबाब बना रहा है। जिसका विरोध करने पर उसकी मारता पीटता भी था। पति की प्रताड़ना और हलाला के दबाब से तंग आकर शाहना ने इस्लाम त्यागने का फैसला कर लिया। शाहना ने बताया कि उसका शौहर नौकरी नहीं करता था। मैं पाई-पाई को मजबूर थी जिसके बाद मैंने खुद ही प्राइवेट नौकरी शुरू की। मेरा नौकरी करना भी मेरे ससुरालियों को पसंद नहीं आया जिसका विरोध शौहर और सास करती थी। इतना ही नहीं मुझे जो भी वेतन मिलता था उसे भी मेरा शौहर छीन लेता था।
सात फेरे लेकर बनी शारदा
शाहना की मुलाकात दो साल पहले बहेड़ी के प्रकाश से हुई थी। शाहना और प्रकाश के बीच अच्छी मित्रता थी. वह अपने दुःख को प्रकाश के साथ साझा किया करती थी. इधर अपनी ससुराल से मिल रही प्रताड़ना और प्रकाश से लगातार मिल रहे स्नेह ने शाहना के ह्रदय में प्रकाश के प्रति प्रेम जगा दिया और फिर समय के साथ दोनों के बीच की दोस्तों प्यार में बदल गई।
इसके बाद शाहना ने सनातन धर्म में रूचि दिखाते हुए बुधवार को प्रेमी प्रकाश के साथ बहेड़ी में भीटा नाथ मंदिर में शादी कर ली। शाहना ने शादी के बाद अपना नाम शारदा रख लिया। शाहना की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने ये निर्णय बिना किसी दबाब के लिया है।
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