भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा है कि हजार बार ‘जय श्री राम’ बोलने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर राम मंदिर बना है तो फिर जय श्री राम बोलने में कैसी दिक्कत ? 1000 बार बोलिए… इससे क्या फर्क पड़ता है ? मोहम्मद शमी ने ये बात न्यूज18 को दिए अपने एक इंटरव्यू में कही है। उन्होंने कहा है कि हर पंथ में आपको ऐसे 5 से 10 लोग मिल जाएंगे जो विपरीत पंथ के शख्स को पसंद नहीं करते हैं और मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।
मोहम्मद शमी ने आगे कहा कि मैं इसे लेकर बिल्कुल नहीं डरता हूं कि मैं मुस्लिम हूं और यह बात मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं कि मुझे मुसलमान होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरा देश ही सबसे पहले आता है और अगर इस बात से किसी को कोई परेशानी है तो मुझे इससे किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अपनी बात रखते हुए शमी ने कहा कि मैं अपने देश को रिप्रेजेंट करता हूं और खुशी से जीता हूं। इससे अधिक मेरे लिए कुछ महत्व नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि बात जहां तक विवादों की है तो कुछ लोग सोशल मीडिया पर यही खेल खेलने के लिए बैठे रहते हैं। मुझे ऐसे लोगों से फर्क नहीं पड़ता।
बतादें, 33 वर्षीय मोहम्मद शमी वर्तमान में एड़ी की चोट से उबर रहे हैं। चोट की ही वजह से वे नवंबर 2023 में वनडे वर्ल्ड टूर्नामेंट खत्म होने के बाद से ही क्रिकेट मैदान से दूरी बनाए हुए हैं।
टिप्पणियाँ