Haldwani Violence: अब्दुल मलिक 50 रुपये के स्टांप पर बेच रहा था सरकारी जमीन, बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण से अलग है मामला
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Haldwani Violence: अब्दुल मलिक 50 रुपये के स्टांप पर बेच रहा था सरकारी जमीन, बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण से अलग है मामला

बनभूलपुरा में पुलिस-प्रशासन ने जो अतिक्रमण हटाया है वो अब्दुल मलिक बगीचे का है

by दिनेश मानसेरा
Feb 9, 2024, 06:28 pm IST
in उत्तराखंड
अवैध कब्जा हटाने गई प्रशासन की टीम पर कट्टरपंथियों ने किया पथराव

अवैध कब्जा हटाने गई प्रशासन की टीम पर कट्टरपंथियों ने किया पथराव

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हल्द्वानी। बनभूलपुरा में गुरुवार को जो अतिक्रमण हटाया गया है, उसमें अवैध कब्जेदारों को हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी। यह मामला बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण से अलग है। बनभूलपुरा में पुलिस-प्रशासन ने जो अतिक्रमण हटाया है वो अब्दुल मलिक के बगीचे का है।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसके द्वारा राजस्व विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर उसकी बिक्री की जा रही थी। जमीन बेचने के दौरान ही उसके द्वारा यहां एक मदरसा और नमाज पढ़ने की जगह बनवा दी गई ताकि उसकी आड़ में वह जमीनों को बेच सके। पुलिस प्रशासन ने दो सप्ताह पूर्व उक्त अवैध कब्जे को हटाया था और मदरसा को हटाने के लिए नोटिस चस्पा किया था। जिसके बाद आरोपी हाई कोर्ट चले गए और वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

अब्दुल मलिक की अवैध कब्जे की वजह से उक्त बगीचे का नाम मलिक का बगीचा पड़ा और उसके द्वारा ही उक्त तीन एकड़ सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द किया जा रहा था और पचास रुपये के स्टांप पेपर पर बेचा जा रहा था, जिस पर एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में डाली गई थी जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया।

पुलिस-प्रशासन की टीम पर घर की छतों से किया गया पथराव

खबर है कि हल्द्वानी बनभूलपुरा मामले का मास्टरमाइंड और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वाला हाजी अब्दुल मलिक पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है और उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है।

ये भी पढ़ें – हल्द्वानी: टीम के अतिक्रमण हटाने से लेकर कर्फ्यू तक, पढ़ें कैसे बिगड़ते चले गए बनभूलपुरा के हालात, जानिये कहां हुई भूल

सुप्रीम कोर्ट का ये है मामला

सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण का मामला अलग से और पहले से चल रहा है। गुरुवार का मामला उससे अलग है। हल्द्वानी को अशांत करने का साजिश रची गई। इसमें छह लोगों की मौत हुई और कई पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी घायल हुए। शहर में कर्फ्यू लगाया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए।

ये भी पढ़ें – हल्द्वानी बवाल: बनभूलपुरा में कर्फ्यू, पत्रकारों को बनाया निशाना, 3 दंगाइयों की मौत, 24 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल

टीम के अतिक्रमण हटाने से लेकर कर्फ्यू तक, पढ़ें कैसे बिगड़ते चले गए बनभूलपुरा के हालात, जानिये कहां हुई भूल

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान 70 से अधिक वाहनों को जला दिया गया, जबकि कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान बनभूलपुरा थाने में आग से कई साल पुराने रिकॉर्ड भी खाक हो गए हैं। 50 से अधिक पुलिसकर्मी और निगम कर्मी समेत 300 से ज्यादा घायल हो गए। पूरे मामले में सामने आया है कि टीम ने कब्जा हटाने की योजना तो बना ली, लेकिन इलाके की तंग गलियों का चक्रव्यूह समझने में चूक गई। यही भूल, उसके लिए आत्मघाती साबित हुई।

ये भी पढ़ें हल्द्वानी: उत्तराखंड का सबसे ज्यादा क्राइम वाला क्षेत्र बनभूलपुरा, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, भूमाफिया बने मुस्लिम नेता

किस समय क्या हुआ

3:00 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए बनभूलपुरा थाने के पास टीमें जुटने लगी

4:23 बजे टीम पुलिस फोर्स के साथ रवाना हुई

4:30 बजे टीम मलिक के बगीचे में पहुंची

4:40 बजे लोग अतिक्रमण स्थल पर जुटने लगे

4:42 पर लोगों ने विरोध शुरू किया

4:44 पर लोगों ने पुलिस द्वारा लगाए बैरिकेड हटाना शुरू कर दिया

4:51 पर अराजक तत्त्वों ने जेसीबी रोकी

4:55 पर हंगामा शुरू हुआ और पत्थरबाजी हुई

5:17 बजे अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई शरू की

5:20 पर उपद्रवियों ने जेसीबी तोड़ी

5:24 पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आसू गैस के गोले दागे

5:35 पर उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगाई

5:54 पर पुलिसकर्मी घायल हुए

6:30 बजे उपद्रवियों ने थाना फूंका

7:00 बजे घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल भेजा

7:30 पर सीएम ने बैठकर कर दंगाइयों को गोली मारने के आदेश दिए

7:48 पर शहर में कर्फ्यू का आदेश जारी हुआ

7:55 पर उधमसिंह नगर से और फोर्स हल्द्वानी पहुंची

8:00 बजे इंटरनेट सेवा बंद की गई

Topics: बनभूलपुरा अतिक्रमणपाञ्चजन्य विशेषहल्द्वानी में दंगाअब्दुल मलिक का बागीचाहल्द्वानी में हिंसा
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