गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि अनधिकृत निर्माण को कोई सुरक्षा नहीं मिल सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) व अन्य प्राधिकरणों द्वारा प्रमाणित किसी भी स्मारक को संरक्षित किया जाएगा, लेकिन अनधिकृत निर्माण को कोई सुरक्षा नहीं मिल सकती है।
गैर सरकारी संगठन जामिया अरबिया निजामिया वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने वन भूमि के अंदर अनधिकृत अतिक्रमण और निर्माण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘दिल्ली में पर्याप्त धार्मिक संरचनाएं हैं और जंगलों को बहाल किया जाए’।
दरअसल याचिका में दावा किया गया था कि बावली गेट के पास खसरा संख्या 556 जियारत गेस्टहाउस, पुलिस बूथ के पास हजरत निजामुद्दीन दरगाह में अवैध और अनधिकृत निर्माण किया गया है।
टिप्पणियाँ