इजरायल हमास युद्ध के करीब 4 महीने के बाद पहली बार अमेरिका ने इजरायल को करारा झटका दिया है। इजरायल के दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने येरुशलम पर इजरायल के रवैये की तीखी आलोचना करते हुए दो टूक कहा कि 7 अक्टूबर को दूसरों को अमानवीय बनाने के लाइसेंस के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। हालांकि, एंटनी ब्लिंकन ने इस बात को भी स्वीकार किया कि 7 अक्टूबर का दिन इजरायलियों के सबसे भयानक और अमानवीय था। बंधकों के साथ हर दिन अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री इजरायल के दौरे पर थे, जहां उन्होंने इजरायली नेताओं से मुलाकात के बाद तेल अवीव में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसी दौरान उन्होंने ये बातें कही। दरअसल, हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल ने जिस तरीके से पूरे गाजा को तहस-नहस कर दिया है, उससे बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है, लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। इसी को लेकर ब्लिंकन बात कर रहे थे। उनका मानना है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हमास के आतंकियों ने हमले किए थे, जबकि गाजा के अधिकांश लोगों का इससे कोई लेना-देना ही नहीं था। ब्लिंकन ने कहा कि गाजा के वो परिवार जो इजरायल से होने वाली मदद के वितरण पर आश्रित थे, वो भी तो हमारे ही परिवार हैं।
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ब्लिंकन ने कहा कि गाजा में ऐसे माता-पिता, बेटे और बेटियां हैं, जो कि सभ्य जीवन जीना चाहते हैं। वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं और सामान्य तरीके से जीना चाहते हैं। ऐसे नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और जरूरतमंद लोगों को और अधिक सहायता देने के लिए वो इजरायल पर दबाव बनाता रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इजरायल ने ऐसे कई कदम भी उठाए हैं, जिससे मानवीय सहायता में आसानी हुई है।
130 में से 32 बंधकों की मौत
इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स ने इजरायली खुफिया अधिकारियों के हवाले से ये दावा किया है कि हमास की कैद में 130 में से 32 बंधकों की मौत हो चुकी है। आईडीएफ ने गाजा में 29 बंधकों की मौत की पुष्टि की है। नाम न छापने की शर्त पर इजरायली सेना के अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि 32 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि आईडीएफ का आंकलन है कि 20 अन्य बंधक भी मारे गए होंगे। सभी के परिवारों को इसकी सूचना दे दी गई है। आईडीएफ का कहना है कि अधिकांश की मौत 7 अक्टूबर को ही हो गई थी, उनके शवों को गाजा ले जाया गया था।
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