सनातन धर्म में आस्था रखने वाले दूसरे पंथ के लोगों के लिए हैदराबाद स्थित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत टीटीडी ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने जा रहा है, जहां पर गैर हिन्दू व्यक्ति जो सनातन धर्म में घर वापसी करना चाहते हैं उनकी मदद की जाएगी। इसको लेकर टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष भुमना करुणुकर रेड्डी ने कहा कि यह मंच भारत में अपनी तरह का पहला मंच होगा और इसका उद्देश्य हिंदू धर्म के मूल्यों का प्रसार करना और कन्वर्जन कन्वर्जन को रोकना है।
इसके साथ ही रेड्डी ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के प्रबंधन में सहायता करने की पेशकश की है। टीटीडी अध्यक्ष ने तिरुमला के अस्ताना मंडपम में हो रहे धर्मिका सदन के दूसरे दिन इसका ऐलान किया। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित टीटीडी भगवान वेंकटेश्वर के लोकप्रिय सनातन मंदिर के प्रबंधन का कामकाज देखता है। अब बोर्ड गैर हिन्दुओं को सनातन धर्म की जीवन शैली से जोड़ने का फैसला किया है।
इसे भी पढ़ें: कंटक हटा, मिटेगी पीड़ा
इसको लेकर बोर्ड के अध्यक्ष रेड्डी ने धर्मिका सदन के इतर पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि व्यक्ति किसी भी पंथ का हो अगर वो सनातन धर्म में वापसी करना चाहता है तो हम उसे एक मंच प्रदान करेंगे। क्योंकि सनातन धर्म ही सदियों से जीवन जीने की तरीका रहा है। ये अपनी तरह का देश का पहला ऐसा प्लेटफॉर्म होगा। रेड्डी ने इस बात की खुशी व्यक्त की भगवान विष्णु का निवास तिरुमला लोगों के लिए हिन्दू धर्म में अपनी आस्था घोषित करने का स्थान बनने जा रहा है।
भुमना करुणुकर रेड्डी कहते हैं कि धर्मिका सदन में कई मठों और विभिन्न पीठों के पीठाधीश्वर और पुजारी ये चाहते थे कि टीटीडी कन्वर्जन को रोककर सनातन धर्म के प्रसार का नेतृत्व करे। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन को संभालते-संभालते टीटीडी ने इसमें विशेषज्ञता हासिल कर ली है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को संभालने में भी किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। ऐसे में अगर अयोध्या मंदिर प्रबंधन आवश्यक समझे तो हम किसी भी तरह का सुझाव देने को तैयार हैं।
टिप्पणियाँ