सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से करने और उसे जड़ से समाप्त करने की बात करने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की मुसीबत बढ़ने वाली है। बिहार की कोर्ट के बाद अब बेंगलुरू की अदालत ने भी उदयनिधि स्टालिन को समन जारी कर दिया है। सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ बेंगलुरू के ही रहने वाले स्थानीय व्यक्ति परमेश ने शिकायत की थी।
यह समन बेंगलुरू में जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने जारी किया है। कोर्ट ने डीएमके सरकार के मंत्री को आदेश दिया है कि 4 मार्च को उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होना होगा। इस मामले में याचिकाकर्ता परमेश की तरफ से पेश हुए वकील धर्मपाल ने कोर्ट में कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म का विरोध किया था। उन्होंने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करते उसकी तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए कहा था कि इससे बाहर निकलना होगा।
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इसे हर जगह प्रकाशित किया गया था। इसके बाद भी वो अपने बयान पर कायम हैं और अपने बयान को दोहरा रहे हैं। अब वो अदालत में भी इसका सामना करेंगे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही हिन्दू धर्म के बारे में भक्ति और जागरुकता बढ़ी है। इस तरह के बयानों से हिन्दुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने ये बयान सितंबर 2023 में एक कार्यक्रम के दौरान दिया था।
बिहार में भी दर्ज हुआ है केस
गौरतलब है कि सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से करने के मामले में पटना हाई कोर्ट के वकील डॉ कौशलेंद्र नारायण ने शिकायत की थी। इस मामले में सुनवाई के बाद जब कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को समन जारी किया तो एडवोकेट कौशलेंद्र नारायण को हत्या की धमकी दी गई। इस मामले में उन्होंने केस भी दर्ज कराया था।
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