ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर लोहता में शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर लोहता पुलिस अलर्ट मोड पर है। नमाज को देखते हुए पुलिस मस्जिदों के अलावा विभिन्न स्थानों पर पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है। सहायक पुलिस आयुक्त रोहनिया संजीव कुमार शर्मा के साथ थाना प्रभारी लोहता प्रवीण कुमार क्षेत्र में रहकर हालात पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। शुक्रवार को सुबह से ही मस्जिदों के आस पास पुलिस मुस्तैद हो गई। एसीपी के साथ थाना प्रभारी लोहता मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस और पीएसी के जवान के साथ गश्त जारी है।
उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी को वाराणसी जनपद न्यायालय के जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने को निर्णय दिया। उन्होंने अपने निर्णय में कहा कि “व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा, राग- भोग, वादी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से कराएं और इस उद्देश्य के लिए 7 दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करें।” जनपद न्यायाधीश ने दोपहर साढ़े तीन बजे के आस – पास अपना यह निर्णय सुनाया।
न्यायालय के आदेश के मात्र 9 घंटे के भीतर ही रात 12 बजे व्यास जी के तहखाने की बैरिकेडिंग हटवा कर अन्दर प्रवेश का मार्ग खुलवाया गया और उसके बाद जिलाधिकारी वाराणसी और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में पूजा – आरती की गई। अब व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा – पाठ और आरती होगी। वर्ष 1993 में व्यास जी के तहखाने में रखी मूर्तियों की पूजा बिना किसी कारण के बंद करा दी गई थी। लगभग 30 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद हिन्दुओं को व्यास जी के तहखाने में पूजा – पाठ का अधिकार मिल गया है और इसी के साथ ही हिन्दुओं को उस ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश मिल गया है, जिस परिसर को मुस्लिम पक्ष मस्जिद होने का दावा करता आ रहा है।
टिप्पणियाँ