नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट संसद में पेश किया। इसमें रक्षा क्षेत्र को 6.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछले साल के मुकाबले 0.27 लाख करोड़ रुपये बजट में इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री ने बजट में रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए नई डीप-टेक्नोलॉजी लाने का वादा किया है।
रक्षा क्षेत्र के लिए 2003-24 के बजट में 5.94 लाख करोड़ रुपये मंजूर किये गए थे, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा था। पिछले साल की तुलना में इस अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र का बजट 0.27 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 6.20 लाख करोड़ हो गया है, यानी 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि डीप टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं लेकर आएगी, जिससे ‘आत्मनिर्भरता’ में तेजी आएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने छठे बजट में डिफेंस सेक्टर के लिए देश के कुल बजट का आठ फीसदी हिस्सा रखा है। वित्त मंत्री ने संसद में पेश अंतरिम केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए सेना को कुल 1.72 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजो सामान खरीदना शामिल है। पिछले साल यानी 2023-24 में पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.62 लाख करोड़ रुपये था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के लिए 0.27 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी किये जाने पर कहा है कि ये अंतरिम बजट बहुत उत्साहवर्धक है। उन्होंने सकारात्मक और उत्साहवर्धक ‘अंतरिम बजट’ पेश करने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण को बधाई देते हुए कहा कि यह बजट आत्मविश्वासी, मजबूत और आत्मनिर्भर विकसित भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिली प्रेरणा और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप यह बजट भारत के तीव्र आर्थिक परिवर्तन की झलक देता है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है। इस बजट में बुनियादी ढांचे, निर्माण, विनिर्माण, आवास और प्रौद्योगिकी विकास पर बड़ा जोर दिया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब दुनिया लड़खड़ा रही थी, तब भारत आशा की किरण बनकर उभरा। यह बजट पूरी तरह से पीएम के ‘पंचामृत लक्ष्यों’ के अनुरूप है और यह अगले पांच वर्षों में अभूतपूर्व विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस बजट ने वित्त वर्ष 24 से पूंजीगत व्यय परिव्यय को 11.1% बढ़ाकर वित्त वर्ष 25 के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। यह व्यापक पूंजीगत व्यय 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ा बढ़ावा देगा।
सौजन्य – सिंडिकेट फीड
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