Budget 2024 : मोदी सरकार में अन्नदाता को पूरा मान, बजट में रखा विशेष ध्यान

इस बजट में जिस प्रकार से महिलाओं, युवाओं और हमारे किसान भाइयों को लेकर बातें की गई है, वह सरकार की समेकित संकल्पना और सोच को दर्शाता है।

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राजकुमार चाहर

एक बार फिर केंद्रीय बजट में जिस प्रकार से समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है, उससे सरकार की लोक कल्याणकारी सोचसभी के सामने उजागर हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मेंलगातार केंद्रीय सरकार समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। संसदमें केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में जिस प्रकार से महिलाओं, युवाओं और हमारे किसान भाइयों को लेकर बातें की गई है, वह सरकार की समेकित संकल्पना और सोच को दर्शाता है। इसके आधार पर यह कह सकते हैं कि वित्त मंत्री ने बहुत हीउत्साहवर्धक अंतरिम बजट पेश किया…2047 का जो रोडमैप है, उसे हम हासिल करेंगे।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि कौशल भारत मिशन में 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। 54 लाख युवाओं को प्रशिक्षित और पुनःकुशल बनाया गया है। 3000 नए आईटीआई स्थापित किए हैं। बड़ी संख्या में संस्थागत उच्च शिक्षा, 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय हैं स्थापित किए हैं।मंत्री ने कहा कि हमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, उनकी जरूरतें और आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।

किसान हमारे अन्नदाता हैं। किसान सम्मान योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जाती है। किसानों को कई तरह का समर्थन दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि हम युवाओं को सशक्त कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव हुआ है। बच्चों के विकास के लिए अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर जो बातें कही है, उसको ध्यान में रखने की जरूरत है। उनका कहना है कि पिछली सरकारों ने सामान्य मानवी के सिर पर दशकों से ये बहुत बड़ी तलवार लटका कर रखी थी। आज इस बजट में किसानों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण और बड़े निर्णय लिए गए हैं। नैनो डीएपी का उपयोग हो, पशुओं के लिए नई योजना हो, पीएम मत्स्य संपदा योजना का विस्तार हो, और आत्मनिर्भर ऑयल सीड अभियान हो, इससे किसानों की आय बढ़ेगी और खर्च कम होगा।

चूंकि, मैं किसान पुत्र हूं, आज भी खेती-किसानी से ही मेरा औरमेरे परिवार का जीवन चलता है। अपने कार्यकाल में जिस प्रकार से श्री नरेंद्र मोदीजी ने किसानों के लिए बेहतरीन काम किया है, उसके बाद मुझे उन्हें किसानों का मसीहा कहने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हमारे साथ देश के अधिकतर किसानों की यही सोच हैं। सर छोटू राम हों, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह हों या भारत किसान यूनियन के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत, सभी ने किसानों की भलाई के लिए अपनेस्तर पर बेहतरीन काम किया है। हम किसान उन्हें अपना मसीहा मानते रहे हैं। 21वीं सदी में बदलती परस्थितियों के बीच प्रधानमंत्री के कार्य उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में स्थापित करते हैं। किसानों की आय कैसे बढ़े, गरीब सीमांत किसान के जीवन मेंखुशियां आएं- यही संकल्प पीएम मोदी ने- जब वे गुजरात के सीएम थे- गुजरात से किया।

किसान सशक्तीकरण के बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं है और इस संकल्प के अनुरूप देश ने किसान हितैषी मोदी सरकार को पिछले 9 वर्षों में किसानों को आत्मनिर्भर बनाते देखा और यह प्रयास निरंतर जारी है। जमीनी स्तर पर किसानों को सशक्त बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता और संकल्प के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक प्रमुख योजना ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम-किसान) की शुरुआत की। इस योजना के तहत प्रति वर्ष लाभार्थियों के बैंक खाते में 6,000 रुपये डाले जाते हैं और अब तक लगभग11.3 करोड़ किसानों को लगभग 1.83 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया जाचुका है। खेती के लिए सबसे कठिन दौर में भी मोदी सरकार ने यह आर्थिक मदद किसानों को दी और उनको राहत पहुंचाने का काम किया। यही कारण है कि इस कठिन दौर में हमारे किसान कर्ज के चंगुल में नहीं फंसे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व वालीसरकार चार प्रमुख जातियों- ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ के विकास परध्यान केंद्रित करने पर विश्वास करती है। यह बात लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कही। उन्होंने कहा कि उनकी आवश्यकताएं, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि देशकी प्रगति तब होती है जब इन चारों जातियों से जुड़े लोग प्रगति करते हैं। इन चारों जातियों के लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और उन्हें सरकारी सहायता मिल भी रही हैं। इस अंतरिम बजट में भी जनहितकारी बातों को प्रमुखता दी गई है। मोदी नाम की गारंटी है।

देश में एक करोड़ लखपति दीदी, एफडीआई मतलब फर्स्ट डेवलप इंडिया, आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कवर सभी आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों तक बढ़ाना, ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित, रूफटॉप सोलराइजेशन के माध्यम से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होना,  पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 3 करोड़ घरों का लक्ष्य हासिल करने के करीब होना,  बढ़ते परिवारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ और घर बनाए जाना, खेलों में नई ऊंचाइयां छूने के लिए युवाओं को प्रोत्साहन, देश के टूरिज्‍म पर फोकस, रिसर्च के लिए ब्याज मुक्त फंड मिलना, रक्षा बजट में भारी बढ़ोत्तरी कर 11.1 फीसदी का ऐलान, जीडीपी  का 3.4 फ़ीसदी, बढ़कर हुआ 11,11,111 करोड़ ₹ होना… चौतरफा विकास की बयार व् सबका विकास यही तो है देश की मोदी सरकार।

एक फरवरी,2024 को लोकसभा में पेश प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार का यह अंतरिम बजट गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं व देश के लिए नयी सौगातें लेकर आया है। इसमें जिस तरह से केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने हर वर्ग का ध्यान रखते हुए भारत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है, वह वाक़ई काबिले तारीफ़ है।

(लेखक फतेहपुर सीकरी से सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।)

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