ऊं का नाद तो आपने सुना ही होगा, अब इसके साक्षात दर्शन भी कर सकेंगे। जी हां, राजस्थान के पाली में ओम की आकृति में मंदिर बनकर तैयार हो गया है। जो भगवान शिव को समर्पित है। इसके निर्माण में 28 वर्षों का समय लगा है। ओम आकार का यह दुनिया का पहला शिव मंदिर होगा। ये मंदिर चार हिस्सों में विभाजित है। एक हिस्सा भूगर्भ में बना हुआ है। जबकि तीन जमीन के ऊपर हैं। मंदिर प्रांगण में चारों ओर सप्त ऋषियों की प्रतिमाएं लगाई गईं हैं। इतना ही नहीं मंदिर का निर्माण उत्तर भारत की नागर शैली की स्थापत्य और वास्तु कला में हुआ है।
250 एकड़ में फैले इस मंदिर का शिलान्यास वर्ष 1995 में हुई था। मंदिर में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 19 फरवरी को तय किया गया है। इस मंदिर में एक नहीं बल्कि भोलेनाथ की 1008 अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित की गईं हैं। मंदिर परिसर में 108 कक्ष हैं। इसी के साथ-साथ शिखर 135 फीट ऊंचा बनाया गया है। सबसे ऊपर वाले भाग में शिवलिंग स्थापित हैं। शिवलिंग के ऊपर ब्रह्मांड की आकृति बनाई गई है।
सबसे ज्यादा खास बात यह है कि इसके निर्माण में बंशी पहाड़पुर का पत्थर उपयोग किया गया है। इस पत्थर की खासियत है कि यह हजारों सालों तक खराब नहीं होता और ना ही इसकी चमक पर कोई असर पड़ता है। बंशी पहाड़पुर से निकलने वाले पत्थर की उम्र करीब 5 हजार वर्ष तक मानी जाती है और अयोध्या राम मंदिर निर्माण में भी इसी पत्थर का उपयोग किया गया है।
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