ब्रिटेन में इन दिनों एक डॉक्यूमेंट्री बहुत लोकप्रिय हो रही है और यह एक राजनीतिक या कहें सांस्कृतिक परिवर्तन पर बनाई जा रही डॉक्यूमेंट्री है। इस डॉक्यूमेंट्री का नाम है “रेप ऑफ ब्रिटेन!” नाम से काफी कुछ स्पष्ट हो रहा है कि यह डॉक्यूमेंट्री किस विषय में होगी या इसमें क्या होगा? मगर यह बहुत विस्तृत न होकर सांस्कृतिक जीनोसाइड के उस पक्ष को उठाती है, जिसकी ओर भारत कई वर्षों से आवाज उठाता आ रहा है, मगर उसे इस्लामोफोबिया या हिन्दुओं के दिमाग की उपज कहकर खारिज कर दिया जाता रहा है।
यह अभियान है, ब्रिटेन की बच्चियों को बचाने का। ब्रिटेन की बच्चियों को उस ग्रूमिंग से बचाने का, जिसके जरिये उनका शारीरिक और मानसिक शोषण हो रहा है। ब्रिटेन की छोटी-छोटी बच्चियों को पाकिस्तानी मुस्लिम गैंग अपना निशाना बनाता है।
यूके में टॉमी रोबिनसन नामक नेता लड़कियों पर हो रहे इस अत्याचार को उठा रहे हैं और टॉमी रोबिनसन ही इस डॉक्यूमेंट्री के निर्माता हैं। वह लगातार इस विषय पर आवाज उठा रहे हैं। वह लोगों को जागरूक कर रहे हैं और जनांदोलन चला रहे हैं। 28 जनवरी को टॉमी रोबिनसन ने टेलफ़ोर्ड में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। यह वही क्षेत्र है जहाँ पर वर्ष 2022 में यह रिपोर्ट आई थी कि दशकों में यहाँ पर एक हजार से अधिक बच्चों का यौन शोषण हुआ था।
तीन साल तक लगातार चली जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जहां बच्चियों का यौन उत्पीड़न लगातार चला था तो वहीं यौन शोषण करने वालों के स्थान पर पीड़ितों को ही दोषी ठहराया जाता रहा था। इन मुद्दों पर नस्लीय भेद के चलते बात नहीं हुई थी। इस जांच की निर्णायक रिपोर्ट में यह एक चौंकाने वाला तथ्य था कि शिक्षकों एवं युवा कार्यकर्ताओं को बाल यौन उत्पीडन के मामलों को रिपोर्ट करने से हतोत्साहित किया गया था।
यह मुद्दा ही कल्पना से परे है कि यौन शोषण का शिकार बने बच्चों को केवल इस कारण हतोत्साहित कर दिया जाता है कि क्योंकि इससे एक विशेष मजहब की छवि खराब होती। वर्ष 2022 में जब यह रिपोर्ट सामने आई थी तो लोगों के मुंह खुले के खुले रह गए थे, मगर यह भी बात सच है कि अधिकाँश लोग इस तथ्य से परिचित थे कि आखिर इन बच्चों का दोषी कौन है? दशकों तक हजारों बच्चों के बचपन को मारने का दोषी कौन था और है? और अभी भी टेलफ़ोर्ड में हुई घटना पर बहस या विमर्श नहीं होता है क्योंकि इससे एक मजहब विशेष को बुरा लगेगा।
मीडिया के अनुसार मोडस ऑपरेंडी वही था। उत्पीड़क अधिकाँश पाकिस्तानी आदमी थे और पीड़ित बच्चे बहुत गरीब श्वेत और अंग्रेज! 11 से 12 उम्र की लड़कियों को शराब और ड्रग्स दी गयी और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उन्हें यह धमकी दी गयी कि अगर उन्होंने पुलिस को बताया तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। अधिकारियों के पास इन बच्चों की शिकायतें इकट्ठी होती रहीं, मगर ये कहानियां बाहर नहीं आईं।
जिस प्रकार की प्रतिक्रिया टॉमी रोबिनसन को प्राप्त हो रही है, जो जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है, वह कहीं से भी एक शहर की कहानी तो लगती नहीं है। क्या टॉमी रोबिनसन टेलफ़ोर्ड की ही कहानी कह रहे हैं? नहीं! ब्रिटेन के आंकड़ों की बात की जाए तो पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग की कहानियां जब बाहर आईं तो पता चला कि लगभग 10,000 से अधिक लड़कियों के साथ इस प्रकार बलात्कार किया गया था और यह उत्पीड़न दशकों से चल रहा था। सबसे दुर्भाग्य की बात तो यही है कि इन हजारों लड़कियों के पाकिस्तानी गैंग के हाथों शोषण की कहानियां वहां के अधिकारियों, बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं और यहाँ तक कि पुलिस को भी पता थीं, परन्तु हल किसी ने नहीं निकाला। शायद, यदि कोई आवाज उठाता भी तो उसे इस्लामोफोबिक कहकर विक्टिम हुड का खेल खेला जाने लगता।
मगर शायद टॉमी रोबिनसन बच्चों की इस पीड़ा को समझकर आगे बढ़ रहे हैं और आम लोग भी अपने बच्चों के प्रति चिंतित हैं। टॉमी रोबिनसन का जो वीडियो सोशल मीडिया पर है, उसमें उनके हाथ में एक पोस्टर है। इसमें लिखा है कि हमारे बच्चे “हलाल मीट” नहीं है। यह भी विडंबना है कि टॉमी रोबिनसन समस्या की शब्दावली समझते हैं और वह कम्युनिस्ट वर्ग की नई शब्दावली के खेल को मोड़ते हैं, जिन्होनें इस ग्रूमिंग गैंग को साउथ एशियन मेन का काम बताया था।
Thousands of British citizens took to the streets of Telford yesterday protesting against widespread Pakistani Muslim child trafficking gangs.
Up to 1,000 young vulnerable teen girls, some as young as 11, are thought to have been trafficked and abused by the gangs over a period… pic.twitter.com/YRCsKt284D
— Oli London (@OliLondonTV) January 28, 2024
साउथ एशियन मेन से जहां यौन शोषण करने वाले गिरोह की पहचान भ्रमित होती है तो वहीं बच्चों को “हलाल मीट” नहीं बताना, यह पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि आखिर छोटे बच्चों का शिकारी कौन सा समुदाय है?
“द रेप ऑफ ब्रिटेन” के पांच एपिसोड आ चुके हैं और लोग लगातार टॉमी रोबिनसन के साथ जुड़ रहे हैं। टॉमी रोबिनसन यूके की डेमोग्राफी समस्या को लेकर लगातार लिखते रहे हैं और उन्हें चरम दक्षिणपंथी कहा जाता है। टॉमी रोबिनसन भी twitter की उस नीति का शिकार हुए थे, जब कई राष्ट्रवादी लोगों की प्रोफाइल को twitter से हटा दिया गया था। हालांकि एलन मस्क के twitter का मालिक बनने के बाद जिन लोगों के खाते वापस आए थे, उनमें टॉमी रोबिनसन भी थे। टॉमी को कम्युनिस्ट लॉबी का विरोध झेलना पड़ता है, जो उन्हें रेसिस्ट का टैग दे चुकी है। परन्तु टॉमी अपने देश की बच्चियों की पीड़ा की बात कर रहे हैं और वह समस्या की जड़ समझकर “द रेप ऑफ ब्रिटेन” की कहानियां आम लोगों को बता रहे हैं।
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