Padma Shri Awards 2024: 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने राजस्थान के 4 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की। राजस्थान के भीलवाड़ा के ‘बहरूपिया बाबा’ को भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया। 81 साल के ‘बहरूपिया बाबा’ का असली नाम जानकी लाल है।
जानकी लाल 81 साल के हैं, जिन्हें गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। इसके साथ ही बीकानेर के तेजरासर गांव निवासी दो भाइयों अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को भी पद्मश्री पुरस्कार मिला है, जिन्होंने गंजल संगीत और मांड गायन को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है। इनके अलावा लक्ष्मण भट्ट तेलंग को भी पद्मश्री अवॉर्ड मिला। 93 वर्षीय सुविख्यात पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग को ध्रुपद गायकी की कला से पूरे विश्व में विशेष पहचान मिली है। 85 साल की माया टंडन जयपुर के जैकलोन की पूर्व अधीक्षक रह चुकी हैं, डॉ. माया टंडन सड़क सुरक्षा के लिए काम करती हैं। सहायता संस्थान की अध्यक्ष डॉ. माया टंडन सेवानिवृत्ति के बाद 1995 से सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रही हैं।
भीलवाड़ा निवासी जानकी लाल को बहरूपिया बाबा के नाम से जाना जाता है, जो पिछले 6 दशकों से अपनी कला को जीवित रखे हुए हैं। जानकी लाल अपनी तीन पीढ़ी पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और पारंपरिक कहानियों के माध्यम से प्रतिरूपण (बहरूपिया) की कला को संरक्षित किया है। जानकी लाल 81 साल के हैं और एक बहुरूपिया कलाकार हैं, यह कला उन्हें विरासत में मिली थी। बहरूपिया की कला में, पौराणिक कथाओं, लोक कथाओं और पारंपरिक कहानियों के कई पात्रों को जटिल रूप से बनाया जाता है।
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