असम के डिब्रूगढ़ में इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज का 8वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और एल्डर्स का सम्मेलन आज (28 जनवरी, 2024) से शुरू होनो जा रहा है। 1 फरवरी तक चलने वाला ये सम्मेलन डिब्रूगढ़ स्थित शिक्षा वैली स्कूल में आयोजित हो रहा है। यहां समृद्ध भारत की प्राचीन परंपराओं और संस्कृतियों के संरक्षण और उनके विकास को लेकर चर्चाएं की जाएंगी। सम्मेलन के प्रमुख असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा रहेंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
इसकी शुरुआत यशवंत पाठक ने अपनी टीम के साथ मिलकर अमेरिका में की थी। सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज दुनियाभर की प्राचीन परंपराओं, संस्कृतियों के संरक्षण की दिशा में कार्य करती है। डिब्रूगढ़ में 5 दिन तक चलने वाले एल्डर्स सम्मेलन में दुनियाभर के 33 देशों के 300 से अधिक लोग शामिल होंगे, जो कि अपने आध्यात्मिक ज्ञान और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करेंगे और दूसरी संस्कृतियों का अनुभव भी लेंगे। इस दौरान पारिस्थितिक ज्ञान, सहयोगात्मक शासन, परंपराओं के पुनरुद्धार के विषयों पर पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे, पैनल चर्चाएं, कार्यशालाएं होंगी।
इसे भी पढ़ें: अयोध्या: छद्म सेकुलरवाद का सबसे बड़ा घोटाला
सम्मेलन की शुरुआत से पहले आज डिब्रूगढ़ शहर में फूल बागान से चराली थाना तक एक रैली निकाली जाएगी। आज ही मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस बात की जानकारी आईसीसीएस के रतन शारदा ने दी है।
वहीं इस सम्मेलन का समापन 1 फरवरी को अरुणाचल स्थित रिवाच परिसर के दौरे के साथ होगा, जहां पर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी स्थानीय आध्यात्मिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। वहीं इंटरनेशनल हाउस ऑफ थॉट्स का उद्घाटन अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू करेंगे। 31 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू, उप मुख्यमंत्री चौना मेन के साथ ही आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी भी डिब्रूगढ़ में मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर भारत सांस्कृतिक विविधता, स्वदेशिता और विवधता के बीच निहित एकता का मजबूत केंद्र है। यही कारण है कि डिब्रूगढ़ को इस सम्मेलन के लिए चुना गया।
टिप्पणियाँ