ज्ञानवापी में हुए एएसआई सर्वे की 839 पेज की रिपोर्ट की कॉपी हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन को मिल गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी परिसर में प्राचीन मंदिर के खंभों की पुष्टि हुई है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ASI रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, “ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है…”
केवल 350 साल पुराना है मस्जिद का गुंबद
बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद का गुंबद 350 साल पुराना है। इसके अलावा ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार नागर शैली में बनी हुई है। साथ ही ASI को हनुमान और गणेश की खंडित मूर्तियां भी मिलीं हैं। रिपोर्ट में दीवार पर त्रिशूल की आकृति मौजूद होने की बात भी कही गई है।
32 सबूतों के आधार पर मंदिर होने का दावा
विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी में 32 ऐसी जगह हैं जहां प्राचीन मंदिर के खम्भों को उपयोग में लिया गया है। साथ ही तहखाना S-2 में हिन्दू देवी देवताओं के स्ट्रक्चर मिले हैं। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद से पहले यहाँ मंदिर था, मंदिर को 17 वीं शताब्दी में तोड़ा गया था। एएसआई को देवनागरी, तेलगु और कन्नडा इंस्क्रिप्शन्स मिले हैं।
कई देवताओं के मिले नाम
विष्णु शंकर जैन ने कहा,” ASI ने कहा है कि वहां पर कई शिलालेख है जहां पर पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के थे। जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को पुन: उपयोग कर ये मस्जिद बनाई गई। शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के नाम मिलते हैं।’
बता दें कि जिला अदालत के पिछले साल 21 जुलाई के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं।
हिंदू याचिकाकर्ताओं के यह दावा करने के बाद कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था, अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था। इसके बाद एएसआई ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी।
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