अमेरिका-ब्रिटेन ने फिर से हूतियों पर किए हमले, शिपिंग बाधित होने से महंगाई बढ़ने की आशंका

अमेरिका-ब्रिटेन की सेनाओं ने इस बार हूतियों की स्टोरेज साइट, मिसाइलों और सर्विलांस सिस्टम को निशाना बनाया।

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Kuldeep singh

लाल सागर में बढ़ते हूती विद्रोहियों के आतंक के बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने की वायुसेना ने एक बार फिर से एयर स्ट्राइक की है। सोमवार को किए गए इस नवीनतम हमले में यूएस-ब्रिटिश सेनाओं ने यमन में हूती विद्रोहियों के अंडर ग्राउंड स्टोरेज साइट, लाल सागर में ईरान के गठबंधन के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मिसाइलों और सर्विलांस सिस्टम पर हमला बोला गया।

वहीं हूतियों ने कहा है कि उनके ये हमले इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन के साथ एकजुटता का प्रतीक है। दरअसल, हूती विद्रोहियों के हमलों के कारण वैश्विक स्तर पर होने वाली शिपिंग को बाधित कर दिया है, जिससे महंगाई बढ़ने की चिंताएं पैदा हो गई हैं। सभी को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं इजरायल हमास का ये युद्ध मिडिल ईस्ट को पूरी तरह से अस्थिर न कर दे।

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कुल 6 देशों के हस्ताक्षर वाले बयान के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन ने ये हमले ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के समर्थन के साथ किया। हमले के दौरान हूतियों की कुल 8 अलग-अलग साइटों को निशाना बनाया गया। अमेरिका ने विमानवाहक पोतों से फाइटर प्लेन के जरिए हमले किए। पेंटागन के एक अमेरिकी अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि करीब 25-30 गोला-बारूद दागे गए।

अब तक 8 बार हमले किए जा चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके अमेरिक और ब्रिटेन लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों को रोकने में विफल रहे हैं। हालांकि, अमेरिका का दावा है कि उसके हमलों ने हूती आतंकियों की पलटवार करने की क्षमताओं को कम जरूर कर दिया है।

एक वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी और यमन में हूती विद्रोहियों के प्रवक्ता मोहम्मद अल बुखैती ने हमलों के बाद सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया। उसने कहा, “अमेरिका-ब्रिटेन की आक्रामकता गाजा में इजरायली हमलों को लेकर हूतियों की नैतिक और मानवीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए यमनी लोगों के दृढ़ संकल्प को और अधिक मजबूत करेगी। हूती आतंकियों ने अमेरिका पर कथित युद्ध अपराध का आरोप लगाया है।

 

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