इसे ही तो कहते हैं सनातन संस्कार। एक बार जो इसको जान लेता है वो फिर सनातन धर्म का होकर रह जाता है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से पिछले दिनों आया, जहां सनातन धर्म की महानता को जानने के बाद एक मुस्लिम परिवार ने घर वापसी कर ली थी। घर वापसी से नाराज होकर छेदी का एक बेटा घर छोड़ कर चला गया। लेकिन बावजूद इसके छेदी ने अपने परिवार के साथ 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर गांव के मंदिर को सजाने और अपने घर में पूजा-पाठ करने का निर्णय लिया है।
परिवार का मानना है कि इससे वो लोग खुश हैं। उन्होंने कहा कि ये हमारी घर वापसी है। हम पहले हिंदू ही थे, बाद में मुस्लिम बने थे। परिवार गांव के ही शिव मंदिर में रोज पूजा-पाठ भी करता है। इस परिवार के मुखिया हैं छेदी। उन्होंने कहा कि हमने ये फैसला किया कि हम पूरे गांव को सजाएंगे। लेकिन सनातन धर्म में घर वापसी के अपने फैसले पर अडिग छेदीलाल बताते हैं कि पहले उनके परिवार में 9 लोग थे, लेकिन घर वापसी से नाराज होकर उनका दूसरा बेटा बबलू, पत्नी कल्लो और बेटे आरिफ के साथ घर छोड़कर चला गया है। इसके बाद अब घर में पत्नी सुग्गर, बेटा गुड्डू उसकी पत्नी बीबी, छेदी के नाती एहसन और सुड्डू रहते हैं।
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भदोही के चौरी दानू पट्टी गांव के रहने वाले छेदी का कहना है कि आसपास के लोगों ने हमसे बात करना बंद कर दिया। उन्होंने संबंध तोड़ लिए हैं। 9 लोगों के परिवार में अब 6 लोग ही बचे हैं, लेकिन हम अपने फैसले से आनंदित हैं। सबसे अधिक आनंद उस वक्त आया, जब हमें राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजित अक्षत प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि जब हम लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी की थी, तो बबलू हमारे साथ ही था, लेकिन अब वो अपने ससुराल में रहता है।
छेदी कहते हैं कि हमारे गांव की 60 फीसदी आबादी मुस्लिम ही है, जहां की कुल जन संख्या करीब 15000 है। जब हमें राम मंदिर का अक्षत देने के लिए भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता आए थे, तो उन्होंने 22 जनवरी को विधिवत पूजा करके राम नाम जपने की सलाह दी थी। हमारे घर में टीवी नहीं है, लेकिन हम मोबाइल में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को देखेंगे।
30 दिसंबर को की थी घर वापसी
गौरतलब है कि छेदी ने अपने परिवार के साथ 30 दिसंबर 2023 को मिर्जापुर स्थित माता विंध्यवासिनी के मंदिर में घर वापसी की थी। उस दौरान छेदी के बेटों ने कहा था कि जहां पर उसके पिता हैं वो भी वहीं रहेंगे।
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