अयोध्या में दिव्य भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के आनंद का रसास्वादन करने के लिए मॉरीशस ने एक स्तुतियोग्य फैसला लेते हुए हिन्दू सरकारी कर्मचारियों को 22 जनरी को दो घंटे की छुट्टी देने की घोषणा की है। मॉरीशस सरकार के इस फैसले की सिर्फ मॉरीशस ही नहीं, अपितु पूरे भारत में प्रशंसा हो रही है।
भारत की पवित्र नगरी अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पट 22 जनवरी को खोले जाएंगे और उसमें श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए हिन्दू आस्था से परिपिूर्ण मॉरिशस सरकार ने छुट्टी की घोषणा कर दी है। यह दो घंटे का अवकाश दिया ही इसलिए गया है कि हिंदू धर्म को मानने वाले सभी कर्मचारी अयोध्या में सम्पन्न होने वाले उक्त कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकें, पूजानुष्ठान में वर्चुअली शामिल हो सकें।
अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर मॉरीशस की जनता में भी अपूर्व उत्साह है। लोग चाहते थे कि वे भी अपने ही देश में बैठकर वर्चुअली समारोह का हिस्सा बनें। वे अपनी आंखों से इतिहास का घटते देखें और प्रभु राम के विग्रह के इलैक्ट्रिानिक माध्यम से दर्शन कर सकें। मॉरीशस में भी अनेक मंदिरों व प्रमुख स्थानों पर इस कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई है।
राजधानी पोर्ट लुई में छुट्टी की इस घोषणा से जोश व्याप्त है। लोग इस बारे में फैसला लेने वाली अपनी सरकार की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। अब वे खुद को 22 जनवरी को वर्चुअली अयोध्या में ही पाएंगे। उनके सामने राम मंदिर के पट खुलेंगे और उसमें प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
भारत या मॉरीशस ही नहीं, दुनिया के अनेक देशों में बसे हिंदू आस्थावानों को अब उसी पल का बेसब्री से इंतजार है। 22 जनवरी को पूरा मॉरीशस राममय होगा। हिंदू संगठनों ने इस दिन प्रत्येक मंदिर में विशेष अनुष्ठानो की तैयारी की हुई है। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार के फैसले पर विशेष खुशी जताई है। बताया गया है कि मॉरीशस सरकार से वहां के हिंदू सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने विशेष अपील की थी कि इस दिन लोगों को छुट्टी दी जाए जिससे वे भी समारोह का हिस्सा बनकर खुद को धन्य अनुभव करें। उनका यह अनुरोध सरकार ने फौरन माना और छुट्टी की घोषणा कर दी।
इतना ही नहीं, सरकारी ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि 22 जनवरी 2024 को दोपहर 2 बजे से दो घंटे का विशेष अवकाश दिया जाएगा। यह अवकाश अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पट खुलने के संबंध में दिया जाएगा।
मॉरीशस के नागरिकों की एक बड़ी संख्या हिंदू धर्मावलंबी है। 2011 के आंकड़े बताते हैं कि इस देश में लगभग 48.5 प्रतिशत हिन्दू वास करते हैं। मॉरीशस ही अफ्रीका में अकेला देश है, जहां हिंदू धर्म के प्रति सबसे अधिक आस्था दिखती है। भारत तथा नेपाल के बाद सबसे अधिक हिंदू यहीं रहते हैं।
इस ऐतिहासिक पल के साक्षी होने का इंतजार नि:संदेह हिंदू आस्थावानों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के साथ ही मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी होगा। वे भी हिन्दू सांस्कृतिक मूल्यों के प्रखर वक्ता ही नहीं, उनका अनुपालन करने वाले भी हैं।
प्रविंद्र जगन्नाथ सरकार ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में श्रद्धालुओं की सहभागिता की इच्छा को माना है।इस घोषणा के पीछे मॉरीशस सनातन धर्म मंदिर महासंघ की भी सक्रिय भूमिका रही है। इसने भी प्रधानमंत्री जगन्नाथ को पत्र लिखा था और लोगों को अयोध्या में सम्पन्न होने वाले समारोह के सीधे प्रसारण को देखने की सुविधा देने की अपील की थी।
मॉरीशस के नागरिकों की एक बड़ी संख्या हिंदू धर्मावलंबी है। 2011 के आंकड़े बताते हैं कि इस देश में लगभग 48.5 प्रतिशत हिन्दू वास करते हैं। मॉरीशस ही अफ्रीका में अकेला देश है, जहां हिंदू धर्म के प्रति सबसे अधिक आस्था दिखती है। भारत तथा नेपाल के बाद सबसे अधिक हिंदू यहीं रहते हैं। मॉरीशस में आज जो हिन्दू हैं वे वहां श्रमिक के नाते ले जाए गए थे। उन्हें औपनिवेशिक युग में फ्रांसीसी तथा ब्रिटिश लोग ले गए थे। आज वहां के हिन्दुओं में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में अपनी जड़ों को लेकर श्रद्धा का भाव है।
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