सनातन धर्म में हमेशा से ही सम-गोत्रीय विवाह प्रतिबंधित है। जिसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी है। लेकिन वहीं अन्य मजहब के अनुसार देखें तो वहां पर परिवार में विवाह करना जायज माना जाता है। जिसके घातक परिणाम सामने आते है और वह लोग इसे नकारते दिखते है।
आज हम आपको इसी तरह के एक मामले से अवगत कराने जा रहे है जिसमे भाई बहन की गलतियों का खामियाजा उनकी पीढियां लगातार भुगत रही है। हम बात कर रहे है वर्जीनिया के व्हिटेकर परिवार की। इस परिवार को देखने के बाद आपको इस पर यकीन करना मुश्किल हो जाएगा कि एक ऐसा परिवार भी है जिसके सदस्य जब बात करते है तो उनकेमुख से कुत्तों के भौंकने जैसी निकलती है।
फिल्म निर्माता ने खोजा अजीबो-गरीब परिवार
इस परिवार के बारे में दुनिया को जानकारी तब हुई जब चलामार्क लैटा नाम के एक फिल्म निर्माता ने इनके बारे में बताया। यूट्यूब पर इस परिवार के कई वीडियो मौजूद हैं, जिनमें इस परिवार के लोगों को कभी कुत्तों की तरह भौंकते तो कभी चीखते हुए देखा जा सकता है। इस व्हिटेकर परिवार का पूरा वीडियो आप “सॉफ्ट व्हाइट अंडरबेली” नाम के यूट्यूब चैनल पर भी देख सकते है।
आनुवांशिक बीमारी से पीड़ित है परिवार
एक अजीब सी आनुवांशिक बीमारी से पीड़ित यह परिवार चार्ल्सटन से करीब 75 मील दूर वेस्ट वर्जीनिया के एक छोटे से गांव में रहता है। इनका अधिकांश जीवन यहीं बिता है। इस परिवार में भाई-बहन एक साथ रहते हैं। जिनकी उम्र 60 से 70 वर्ष के बीच है। इस परिवार के एक सदस्य की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हो गई। जिसके शव को घर के सामने पड़ी खाली जगह पर दफना दिया गया। अब इस परिवार में तीन भाई और दो बहनें बचे हैं। भाइयों में टिम्मी, रे और फ़्रेडी शामिल हैं। उनकी दो बहनें हैं, बेट्टी और लोरेन। फ्रेडी की पिछले साल कोरोना के कारण मौत हो गई थी। इनके घर में कई पालतू कुत्ते भी हैं।
खून के रिश्ते में संबंध बनाने से हुई बुरी हालत
एक रिपोर्ट के अनुसार, खून के रिश्ते या एक ही गोत्र में शादी के कारण इस परिवार की यह हालत हुई और अब पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। दरअसल इनके माता-पिता ग्रेसी और जॉन व्हिटेकर सगे भाई और बहन थे। जिन्होंने आपस में ही वैवाहिक संबंध बना लिए। इनसे उनके 15 बच्चे हुए। हालाँकि, इनमें से कई लोग अब मर चुके हैं। अब जो जीवित हैं वे इस दावे को स्वीकार नहीं करते। इनके अनुसार उनके माता-पिता सगे नहीं बल्कि चचेरे भाई-बहन थे।
क्या है सनातन मान्यता
सनातन धर्म में एक ही गोत्र में लड़का-लड़की का विवाह वर्जित माना गया है। इसके पीछे कई मान्यताएं मौजूद हैं। इस धारणा के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। मान्यताओं के अनुसार गोत्र सप्तऋषि के वंशज का रूप है। गोत्र का चलन इसलिए किया गया ताकि एक ही खून से संबंध रखने वालों की आपस में शादी न हों।
किन गोत्रों में नहीं करते शादी
हिंदू धर्म में कुछ गोत्रों में शादी करना मना है। शादी के समय तीन गोत्र छोड़े जाते हैं अर्थात आप उन गोत्रों में शादी नहीं कर सकते। पहला है माता का गोत्र। दूसरा, पिता के गोत्र को छोड़ा जाता है। तीसरा, दादी का गोत्र। बाकी किसी भी गोत्र में विवाह किया जा सकता है।
एक गोत्र में शादी करने से क्या समस्या आती है
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यदि लड़का-लड़की एक ही गोत्र में शादी करते हैं तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जैसे एक ही गोत्र में विवाह हो जाने पर दंपति के यहां होने वाली संतान में मानसिक और शारीरिक विकृति हो सकती है।
क्या हैं वैज्ञानिक कारण
विज्ञान ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि एक गोत्र में शादी करने से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। विज्ञान के अनुसार, एक ही गोत्र या कुल में शादी करने पर दंपती की संतान में आनुवांशिक दोष हो सकते हैं। ऐसे दंपती की संतानों में एक-सी विचारधारा होती है, कुछ नयापन देखने को नहीं मिलता।
यहां देखें वर्जीनिया के व्हिटेकर परिवार का वीडियो
https://youtu.be/WnzMPF6vFJk?si=s33M7gq8sIGnZITx
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