वाइब्रेंट गुजरात द्वारा शुरू किए गए चलन के कारण देश के अन्य राज्यों में भी ऐसे आयोजन हो रहे हैं, जिससे सामूहिक रूप से भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन सका है। एक संदर्भ में, गुजरात वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को भी भारत और विश्व में प्रभावी तरीके से प्रदर्शित करता है। गुजरात में जो निरंतर और प्रभावी औद्योगिक विकास दिखाई देता है, यह उसका एक प्रमाण है।
गुजरात की निवेश-अनुकूल नीतियां, अनुकूल औद्योगिक माहौल और वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की सफलता ने राज्य को भारत में निवेश के लिए सबसे पसंदीदा राज्यों में से एक बना दिया है। गुजरात की इस प्रगति से भारत के अन्य राज्यों को भी मदद मिलती है। सिर्फ इसलिए नहीं कि गुजरात देश के अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में कार्य करता है और इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की शृंखला शुरू होती है, बल्कि गुजरात देश के आर्थिक ताने-बाने में एक केंद्रीय भूमिका में स्थापित हो चुका है। वाइब्रेंट गुजरात द्वारा शुरू किए गए चलन के कारण देश के अन्य राज्यों में भी ऐसे आयोजन हो रहे हैं, जिससे सामूहिक रूप से भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन सका है। एक संदर्भ में, गुजरात वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को भी भारत और विश्व में प्रभावी तरीके से प्रदर्शित करता है। गुजरात में जो निरंतर और प्रभावी औद्योगिक विकास दिखाई देता है, यह उसका एक प्रमाण है।
वास्तव में निवेश प्राप्त करना भी एक प्रतियोगिता है। महत्वपूर्ण व्यापक आर्थिक संकेतकों पर प्रगति के बिना संभावित निवेशकों को आकर्षित करना कठिन होता है। आज जब भारत दुनिया की आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, गुजरात पहले से ही मजबूत आर्थिक बुनियादी बातों के साथ भारत का विकास इंजन बन कर स्थापित हो चुका है। 2002-03 से 2022-23 तक 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ गुजरात लगातार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मामले में देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में से एक रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
गुजरात भारत के औद्योगिक रूप से सबसे विकसित राज्यों में से एक है। गुजरात की यह शक्ति गुणवत्ता से संचालित होती है, न कि केवल आकार से। गौर कीजिए, गुजरात में भारत की भूमि का केवल 6 प्रतिशत क्षेत्र और जनसंख्या का मात्र 5 प्रतिशत हिस्सा है। लेकिन गुजरात मात्र इस गुण के कारण विशेष रूप से उल्लेखनीय, विशेष और असामान्य नहीं है। गुजरात अत्यधिक उद्योगीकृत है, फिर भी एक प्रमुख कृषि राज्य है।
यहां सर्वोत्तम व्यावसायिक वातावरण है, फिर भी गुजरात में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 44.3 प्रतिशत, श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 43.3 प्रतिशत (सभी आयु समूहों के लिए) और बेरोजगारी दर 2.2 है, जबकि राष्ट्रीय औसत क्रमश: 41.6 प्रतिशत, 39.8 प्रतिशत और 4.2 प्रतिशत है (2020-21 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की वार्षिक रिपोर्ट)।
वित्त वर्ष 2022-23 (मौजूदा कीमतों पर अनुमानित) के अनुसार, गुजरात भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता है। वित्त वर्ष 2022-23 में वर्तमान मूल्य पर राज्य की जीएसडीपी का मूल्य 22.61 लाख करोड़ रुपये (265 अरब अमेरिकी डॉलर) अनुमानित था। गुजरात के भीतर क्षेत्रीय योगदान के संदर्भ में, विनिर्माण क्षेत्र राज्य के जीएसडीपी में लगभग 36.7 प्रतिशत का योगदान देता है (वित्त वर्ष 2021-22 (त्वरित अनुमान) के अनुसार)।
गुजरात भारत का विनिर्माण केंद्र है और 2016-17 से लगातार चौथी बार भारतीय औद्योगिक उत्पादन में पहले स्थान पर है। वित्त वर्ष 2019-20 तक भारत के कुल 28,479 कारखानों में 11.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कारखानों की संख्या में गुजरात दूसरे स्थान पर था। राज्य के पास मूल्य-शृंखला में 13 लाख से अधिक एमएसएमई (उद्यम पंजीकरण) का एक बड़ा आधार है। प्रमुख औद्योगिक राज्यों में गुजरात में बेरोजगारी दर सबसे कम है। राज्य रोजगार कार्यालय के माध्यम से 2021 के दौरान कुल पंजीकरण का प्रतिशत प्लेसमेंट 84.5 प्रतिशत रहा, जो 2004 में केवल 33 प्रतिशत था।
शिक्षा के समग्र विकास के लिए गुजरात के वीएसके मॉडल का अध्ययन करने और उसे दोहराने के लिए कहा। विश्व बैंक द्वारा वीएसके को वैश्विक ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ माना गया है। कई क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान इसी राज्य में हैं। इनमें आईआईएम अहमदाबाद, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन गांधीनगर, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी, एटरप्रोन्योरशिप डेवलमेंट इंस्टीट्यूट आफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के अलावा प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, डिजाइन, फैशन जैसे संस्थान शामिल हैं।
आंकड़े तथ्यों को इंगित करते हैं और तथ्य कई रूपों में प्रकट होते हैं। गुजरात को सुजुकी, होंडा, हिताची, टोयोटा, बॉम्बार्डियर, बैंक आॅफ अमेरिका, डीबीएस, एबॉट, अक्जोनोबेल, बीएएसएफ, सोंगवोन, यूनिलीवर, प्रॉक्टर एंड गैंबल, बियर्सडॉर्फ, आर्सेलरमित्तल, पोस्को, शेल, वेस्टास, वोपाक और कई अन्य कंपनियों से विभिन्न क्षेत्रों में देश में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ है। 2000 से 2022 तक गुजरात में प्राप्त संचयी एफडीआई 55 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। गुजरात दुनिया की कई सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का घर है।
देश में बंदरगाहों द्वारा कार्गो प्रबंधन क्षमता सबसे अधिक गुजरात की है। वित्त वर्ष 2022-23 में गुजरात का व्यापारिक निर्यात 12 लाख करोड़ रुपये (150 अरब अमेरिकी डॉलर) रहा, जो भारत के व्यापारिक निर्यात का 33 प्रतिशत है। 2022 में देश में सबसे अधिक 154 औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (आईईएम) लागू किए गए।
गुजरात स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य संकेतकों में लगातार निवेश कर रहा है, उसका रखरखाव और उनमें सुधार करता जा रहा है। राज्य में विभिन्न स्तरों पर अच्छा स्वास्थ्य ढांचा मौजूद है। गुजरात में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में 2001-02 से 2021-22 तक क्रमश: 41 प्रतिशत और 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। नवंबर 2022 के अंत में राज्य में कुल 319 सीएचसी, 1463 पीएचसी और 6575 उप-केंद्र कार्य कर रहे थे। इससे राज्य को 100 प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिली है। गुजरात में 2003-04 में संस्थागत प्रसव 55.9 प्रतिशत था, जो 2020-21 में बढ़कर 99.6 प्रतिशत हो गया।
आज जब भारत दुनिया की आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, गुजरात पहले से ही मजबूत आर्थिक बुनियादी बातों के साथ भारत का विकास इंजन बन कर स्थापित हो चुका है। 2002-03 से 2022-23 तक 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ गुजरात लगातार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मामले में देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में से एक रहा है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। गुजरात भारत के औद्योगिक रूप से सबसे विकसित राज्यों में से एक है।
राज्य में पिछले बीस वर्ष में मेडिकल और पैरामेडिकल अध्ययन और प्रशिक्षण सुविधाओं में काफी वृद्धि हुई है। 2001 में केवल नौ मेडिकल कॉलेजों की तुलना में आज गुजरात में 30 से अधिक मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। दुनिया का पहले और एकमात्र ‘डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन’ (जीसीटीएम) का उद्घाटन 2022 में जामनगर, गुजरात में किया गया था। राजकोट में एम्स जैसा बड़ा संस्थान बन रहा है। मोबाइल खाद्य परीक्षण वैन का कुशल उपयोग सुनिश्चित करके भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित तीसरे राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक पुरस्कार 2020-21 में गुजरात शीर्ष राज्यों में से एक था।
विकास के गुजरात मॉडल के इंजनों में से एक निश्चित रूप से शिक्षा क्षेत्र है, जिसने न केवल लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि प्रगति के अवसर भी प्रदान किए हैं। प्रारंभिक वर्गों (कक्षा 1 से 5) के लिए ड्रॉपआउट दर 1999-2000 में 22.30 प्रतिशत थी, जो 2020-21 में घटकर मात्र 1.32 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार, कक्षा 1 से कक्षा 8 के लिए ड्रॉपआउट दर 1999-2000 में 41.48 प्रतिशत से घटकर 2020-21 में 3.07% हो गई। भारत का पहला विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) 2019 में गुजरात शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में वीएसके का दौरा किया और राज्यों से शिक्षा के समग्र विकास के लिए गुजरात के वीएसके मॉडल का अध्ययन करने और उसे दोहराने के लिए कहा। विश्व बैंक द्वारा वीएसके को वैश्विक ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ माना गया है। कई क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान इसी राज्य में हैं। इनमें आईआईएम अहमदाबाद, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन गांधीनगर, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी, एटरप्रोन्योरशिप डेवलमेंट इंस्टीट्यूट आफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के अलावा प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, डिजाइन, फैशन जैसे संस्थान शामिल हैं।
गुजरात में पिछले 20 वर्षों में कई अन्य सरकारी और निजी संस्थान स्थापित किए गए हैं, जिन्होंने राज्य को ज्ञान-आधारित समाज बनने में मदद की है, जैसे आईआईटी गांधीनगर, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय और निरमा विश्वविद्यालय। सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों के अनुरूप युवाओं की स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग के साथ 21 सदी के कौशल अंतराल को संबोधित करने के लिए कौशल्या कौशल विश्वविद्यालय की भी स्थापना की है।
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