गुजरात के गिर सोमनाथ में पुलिस ने फर्जी तरीके से नौकरियां दिलाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस गैंग ने 30 अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी के जाली अपॉइनमेंट जारी कर एक करोड़ रुपए की ठगी की। आरोपियों ने वनवासी समुदायों से आने वाले छात्र-छात्राओं से ये ठगी की है। मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
सोमवार को पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों की पहचान सूत्रपाड़ा के रहने वाले तहसील के रहने वाले जेठा उर्फ सुभाष चुड़ासमा (35), जूनागढ़ निवासी हरसुख चौहानम (55) ये पहले सेना में था। इसके अलावा मेहसाणा के रहने वाले नीलकांत पटेल (45) के रूप में हुई है। इस पूरा ठगी का मास्टरमाइंड चूड़ासमा है। आरोपी के खिलाफ साल 2021 में सेना भर्ती में गड़बड़ी करने के मामले में देवभूमि द्वारका की पुलिस ने केस भी दर्ज किया था, लेकिन वो फरार हो गया था।
मुख्य आरोपी चुड़ासमा गिर सोमनाथ जिले की सूत्रपाड़ा जिले के प्राची गांव में वनवासी समुदाय के बच्चे-बच्चियों के लिए ज्योतिबा फुले अकादमी भी चलाता था। रिपोर्ट के मुताबिक, वो इस रैकेट से वर्ष 2019 से ही जुड़ा हुआ है। ठगी के इस मामले की जानकारी देते हुए गिर सोमनाथ जिले के एसपी मनोहर सिंह जडेजा ने बताया कि चुड़ासमा द्वारा चलाई जा रही अकादमी में वनवासी समुदाय के बच्चों को कथित तौर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती थी।
ऐसे हुआ खुलासा
गौरतलब है कि मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब कांजी वाला नाम के एक पीड़ित व्यक्ति ने मामले में सूत्रपाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत की। कांजी वाला ने पुलिस को की शिकायत में खुलासा किया कि वो करीब 18 माह पहले चुड़ासमा की एकेडमी में अपनी बेटी का एडमिशन कराने के सिलसिले में मिला था। उस दौरान वाला ने बताया था कि वो स्वास्थ्य विभाग में काम करता है और ये एकेडमी चलाता है। उसी दौरान वाला ने कांजी वाला को कुछ महिला अभ्यर्थियों के अपॉइनमेंट लेटर दिखाए, जो कि पुलिस भर्ती के लिए हुई शारीरिक परीक्षा में फेल हो गई थीं।
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धीरे-धीरे बात आगे बढ़ी तो कांजी वाला को लगा कि शायद उनकी बेटी को भी सरकारी नौकरी मिल जाए। यही सोचकर उन्होंने चुड़ासमा से बात की। वाला की बेटी के लए चुड़ासमा ने 6 लाख रुपए घूस मांगा, लेकिन होते करते 3 लाख में दोनों के बीच डील हो गई। इसके बाद अपने रिश्तेदारों के बच्चों समेत कुल 6 अभ्यर्थियों के लिए उसने आरोपी को 7 लाख रुपए दिए। बाद में वो अभ्यर्थियों 21 मार्च को गांधीनगर स्थित सचिवालय ले गया और उन्हें जाली अपॉइनमेंट लेटर दे दिए। ये अपॉइनमेंट लेटर इन्हें क्लास-3 ऑफिस असिस्टेंट के पद के लिए दिए गए थे। इसके बाद अभ्यर्थियों को जूनागढ़ कलेक्टरेट ले जाया गया, जहां से आरोपी गायब हो गया।
कांजी वाला ने पुलिस को बताया कि जब बच्चों की ज्वाइनिंग नहीं हुई तो उसने आऱोपी से बात की तो उसने फर्जी अपॉइनमेंट लेटर जारी करने की बात कबूल कर ली। पैसे वापस मांगने पर आरोपी ने एक चेक दिया, जो बाउंस हो गया। ठगी के इस रैकेट में गिरफ्तार दो अन्य आरोपियों में से एक चौहान शिकार ढूंढता था और तीसरा आरोपी पटेल सचिवालय में क्लर्क बना हुआ था। उसी ने ये अपॉइनमेंट लेटर जारी किए थे। बहरहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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