INDI गठबंधन का दुख है कि खत्म ही नहीं हो रहा है। भाजपा को काउंटर करने के लिए जैसे ही मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम को प्रधानमंत्री पद के लिए अनाउंस किया, तो दूसरे सहयोगियों ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में अब बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग अमरोहा से सांसद और मायावती के करीबी मलूक नागर ने की है।
उन्होंने इंडि गठबंधन में शामिल होने के लिए शर्त रख दी है कि अगर इंडि अलायंस मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करता है तो बसपा भी इस गठबंधन का हिस्सा बनेगी। मलूक नागर का कहना है कि मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए बिना गठबंधन की कल्पना भी बेमानी है। अगर ये गठबंधन सच में भाजपा को हराना चाहता है तो उसे मायावती को पीएम पद का उम्मीदवार बनाना होगा। ऐसा नहीं किया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकना गठबंधन के बूते का नहीं है।
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नागर का दावा है कि मायावती के पास 13 फीसदी वोट है और बाकी दलों का 37-38 फीसदी वोट अगर एक हो गया तो ये निर्णायक साबित हो सकता है। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने भी मायावती को लेकर सोचने की बात कही है। दरअसल, मायावती आजकल दिल्ली में हैं और बताया जा रहा है कि उनके कैडरों ने उन्हें इंडि गठबंधन से बात करने की सलाह दी है।
हालांकि, समझने वाली बात ये है कि बिहार में नीतीश कुमार भी ताल ठोंक रहे हैं। वो भी प्रधानमंत्री बनने के सपने संजोए बैठे हैं। माना जा रहा है कि एक दो दिन के भीतर ही दिल्ली में नीतीश कुमार कुछ बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं। ऐसे में इंडि अलायंस की संकल्पना ही बेमानी नजर आ रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पांच राज्यों के चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस आपस में ही भिड़ी हुई थी। ये तो पीएम कैंडिडेट फेस पर घमासान है। इंडि अलायंस में असली घमासान तो सीटों के बंटवारे को लेकर होगा।
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