Rising Bharat : वनवासी महिलाएं बनी मिशाल, मेहनत की दम पर खड़ी की सोलर कंपनी, टर्न ओवर जानकर हैरान हो जाएंगे आप
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Rising Bharat : वनवासी महिलाएं बनी मिशाल, मेहनत की दम पर खड़ी की सोलर कंपनी, टर्न ओवर जानकर हैरान हो जाएंगे आप

- कंपनी में काम कर रही वनवासी महिलाएं ज्यादा पढ़ी लिखी न होने के बाद भी किसी इंजीनियर से कम नहीं हैं। ये सोलर प्रोडक्ट बनाने के साथ ही मार्केटिंग भी खुद ही करती हैं।

by SHIVAM DIXIT
Dec 23, 2023, 05:46 pm IST
in भारत, आजादी का अमृत महोत्सव
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अक्सर माना जाता है कि बिजनेस महिलाओं के लिए नहीं है, खासकर किसी टेक्निक फिल्ड में। लेकिन बीते कुछ वर्षों में, इस मिथक को टूटते हुए देखा गया है और देश में महिला उद्यमियों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है।

आज महिलाएं लगभग हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। इसलिए, इस खबर के जरिए आज हम ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है जी के अति पिछड़े क्षेत्र से आतीं हैं। कभी नरेगा में मजदूरी करने वाली वनवासी महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से एक सोलर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी का संचालन कर रहीं है।

वनवासी महिलाओं की यह कंपनी सालाना लाखों रुपये का टर्नओवर करती हैं। कंपनी में काम कर रही वनवासी महिलाएं किसी इंजीनियर से कम नहीं हैं। आईआईटी मुंबई के तकनीकी सहयोग से चल रही कंपनी में ये वनवासी महिलाएं न केवल सोलर प्रोडक्ट बनाने के काम कर रही हैं, बल्कि मार्केटिंग भी खुद करती हैं।

जानिए कैसे हुई कंपनी की शुरुआत

वर्ष 2014 में राजस्थान के डूंगरपुर में तत्कालीन जिला कलेक्टर इंद्रजीतसिंह ने पुनाली, बिलड़ी और झोंथरी कलस्टर से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सोलर लैंप असेम्बलिंग के काम से जोड़ा। आईआईटी मुंबई के प्रो. चेतनसिंह सोलंकी की पहल पर इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई। धीरे-धीरे यह काम आगे बढ़ता रहा। बाद में आईआईटी की मदद से सोलर पैनल ही डूंगरपुर में तैयार करने की पहल की गई। साल 2017 दुर्गा रिन्युबल एनर्जी के नाम से प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई गई। और मांडवा खापरड़ा की ​रुक्मिणी कटारा को इस कंपनी का सीईटो बनाया गया।

पहले करती थी मजदूरी अब हैं इंजीनियर

दुर्गा प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ ​रुक्मिणी कटरा उन महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो अपने दम पर आगे बढ़ाना चाहती है। फिलहाल उनकी कंपनी में लगभग 50 महिलाएं काम करती हैं। वे सभी सोलर बल्ब, प्लेट, हीटर और अन्य उपकरण बनाती हैं। ये सभी महिलाएं में सोलर बनाने पहले मजदूरी करती थी। जब कंपनी की शुरुआत कि गई तब 40 हजार सोलर लैंप बनाए गए और बाज़ार में बेचे गए। बाद में धीरे-धीरे कर बड़े ऑर्डर भी मिलने से लगे। आज कंपनी में 1 वॉल्ट से 100 वॉल्ट के सोलर प्रोडक्ट बनाती हैं।

5 साल में कंपनी का रेवेन्यू 3.55 करोड़

कंपनी के प्रोडक्शन मैनेजर जुगल किशोर नुवाल के अनुसार 2017 से 2022 तक कंपनी का टर्नओवर 3.55 करोड़ हैं। जिसमें में कोविड के 2 साल भी शामिल हैं। कंपनी में टैबल लैंप, सोलर लाइट सिस्टम, स्ट्रीट लाइट, सोलर प्लेट सहित अन्य सोलर से जुड़ी सामग्री बनाई जाती हैं। कंपनी में काम करने वाली महिलाएं को 8 हजार से 16 हजार तक का वेतन मिलता हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया सम्मानित

बता दें कि रुक्मिणी कटारा को और उनकी अन्य सहयोगी महिलाओं को साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने को सम्मानित किया। रुक्मिणी एक वनवासी महिला हैं, उनके पति का नाम कमलेश है और उनके चार बच्चे हैं। रुक्मिणी कटारा सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है।

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