‘उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 में उत्तराखंड सरकार के साथ विभिन्न औद्योगिक संस्थानों ने यह करार किया कि वे राज्य में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। इनमें से 44,000 करोड़ रु. की परियोजनाओं को उत्तराखंड सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ही स्वीकृति देकर कारोबारियों को यह संदेश दिया कि राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण है।
गत दिसंबर माह में देहरादून मेें ‘उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023’ का आयोजन हुआ। इसमें उत्तराखंड सरकार के साथ विभिन्न औद्योगिक संस्थानों ने यह करार किया कि वे राज्य में करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। इनमें से 44,000 करोड़ रु. की परियोजनाओं को उत्तराखंड सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ही स्वीकृति देकर कारोबारियों को यह संदेश दिया कि राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण है। निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारोबारियों से कहा कि मेरी जीवनयात्रा में उत्तराखंड का महत्वपूर्ण योगदान है।
आप भी यहां आकर कारोबार करेंगे तो देवों की कृपा आपको प्रसाद के रूप में मिलेगी। उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां दिव्यता और विकास एक साथ महसूस होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जहां स्थानीय वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है, वहीं भारत सरकार उत्तराखंड में अभूतपूर्व निवेश कर रही है। वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी ढाई घंटे की रह जाएगी। देहरादून और पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार से हवाई पहुंच आसान होगी। प्रदेश में हेली-टैक्सी सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है तथा रेल सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि वे योग, आयुर्वेद, तीर्थ और साहसिक खेल क्षेत्रों में अवसर तलाशें और रोजगार पैदा करने को प्राथमिकता दें। उन्होंने देश के अमीरों और युवाओं से ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया’ अभियान शुरू करने की अपील की।
उन्होंने उनसे अगले पांच वर्ष में उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड में एक साल में 5,000 शादियां भी होती हैं, तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा और राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में एक आकांक्षी भारत का निर्माण हुआ है। पहले से वंचित आबादी के एक बड़े हिस्से को योजनाओं और अवसरों से जोड़ा जा रहा है। गरीबी से बाहर आए करोड़ों लोग अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए ‘वाईब्रेंट गुजरात’ के नाम से निवेशक सम्मेलन शुरू किया था। उसी से प्रेरित होकर उत्तराखंड सरकार ने ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ की थीम पर निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया। हमारी कोशिश रहेगी कि यह सम्मेलन हर दो वर्ष के अंतराल में हो। ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ का मुख्य उद्देश्य है राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार पैदा करना, ताकि राज्य का समग्र विकास हो। उन्होंने कहा कि निवेशक सम्मेलन में ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को प्राप्त करने का लक्ष्य था, लेकिन लक्ष्य से अधिक निवेश प्रस्तावों पर करार हो गया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष करोड़ों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का आतिथ्य सत्कार होता है। करीब सवा करोड़ की आबादी वाला हमारा राज्य हर साल लगभग सात करोड़ लोगों का कुशलता से प्रबंधन करता है, जो कि राज्य की उच्चकोटि की कानून-व्यवस्था का प्रतीक है।
सम्मेलन के पहले दिन अनेक उद्योगपतियों ने भी अपने विचार रखे। अडानी समूह के निदेशक और प्रबंध निदेशक (कृषि, तेल और गैस) प्रणव अडानी ने कहा कि हाल के दिनों में ‘सिंगल प्वाइंट’ मंजूरी, सस्ती बिजली और कुशल वितरण, अत्यधिक कुशल जनशक्ति, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता और अच्छी कानून-व्यवस्था का माहौल होने के कारण उत्तराखंड निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक बन गया है। जे.एस.डब्ल्यू. के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने देश की तस्वीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की।
आईटीसी के प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई उद्देश्यपूर्ण नीतिगत पहलों ने भारत को दुनिया में अनुकूल स्थिति में ला दिया है। उन्होंने कहा कि अगली सदी भारत की है। पतंजलि के संस्थापक और योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री को ‘विकसित भारत’ का स्वप्नद्रष्टा बताते हुए आने वाले समय में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश और 10,000 से अधिक नौकरियों का आश्वासन दिया। एम्मार इंडिया के सीईओ कल्याण चक्रवर्ती ने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में भागीदार बनने के लिए कॉरर्पोरेट जगत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के अध्यक्ष आर. दिनेश ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई।
पहुंचे 20 देशों के राजदूत
‘उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन’ में डेनमार्क, इजिप्त, एरिट्रिया, जिबूती, इथोपिया, घाना, ग्रीस, गुयाना, जमैका, कजाखस्तान, लेसोथो, मलावी, मालदीव आदि देशों के राजदूत भी सम्मिलित हुए।
सम्मेलन का समापन 9 दिसंबर को हुआ। समापन सत्र को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह केवल ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ का समारोह नहीं है, बल्कि कई नई चीजों की शुरुआत भी है। यह नए उत्तराखंड की अनंत संभावनाओं को तलाशने की शुरुआत है। यह ऐसा स्थान है, जहां विकास और दैवीय शक्ति साथ में है। उत्तराखंड सबसे शांत और सुरक्षित राज्यों में से एक है। पूरे देश में बहुआयामी बदलाव आए हैं। 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई है। करोड़ों किसानों की चिंता की गई है।
आईटीसी के प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने कहा कि अगली सदी भारत की है। पतंजलि के संस्थापक और योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री को ‘विकसित भारत’ का स्वप्नद्रष्टा बताते हुए आने वाले समय में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश और 10,000 से अधिक नौकरियों का आश्वासन दिया। एम्मार इंडिया के सीईओ कल्याण चक्रवर्ती ने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में भागीदार बनने के लिए कॉरर्पोरेट जगत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
समापन समारोह में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि आज 8.35 करोड़ से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं। साथ ही उत्तराखंड से भी 8.35 लाख से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं। मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में कृषि एवं डेयरी के क्षेत्र में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल बनाया गया है। रसना प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक पिरूज खंबाटा ने कहा कि हमारी कंपनी ‘रसना हिमालय रोज शरबत’ की शुरुआत करेगी। जुबिलेंट जेनेरिक्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. जयदेव राजपाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने उद्योगों के अनुकूल नीतियों पर कार्य किया है। इस सम्मेलन को लेकर राज्य सरकार ने जैसी प्रतिबद्धता दिखाई है, वह नई उम्मीद जगाती दिख रही है।
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