श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के मुकदमे में आज बतौर वादी मुकदमा, भगवान केशवदेव को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुलाया था। उच्च न्यायालय के बुलावे पर भगवान केशव देव के प्रवेश के लिए उनका एंट्री पास जारी किया गया। उसके बाद भगवान केशवदेव उच्च न्यायालय में उपस्थित हुए। याचिका में मांग की गई है कि परिसर का एएसआई द्वारा सर्वे कराया जाए। एंट्री पास में भगवान केशव देव की उम्र सुनने लिखी गई। उनके मोबाइल फोन और आधार कार्ड के नंबर का भी उल्लेख किया गया। अनिल पांडे, महंत धर्मेन्द्र गिरी जी महाराज, सत्यम पंडित, ओम शुक्ला और मनीष भी इस मुकदमे के वादी हैं। इन लोगों के नाम से भी एंट्री पास जारी किया गया।
पिछली तारीख पर उच्च न्यायालय ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद पर एएसआई सर्वे को मंजूदी दे दी है। याचिका में एएसआई सर्वे की मांग की गई थी। इस मामले में अलग-अलग 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। पिछली तारीख पर मथुरा में शाही ईदगाह परिसर में एएसआई सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी। पिछली तारीख पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। याची महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दाखिल वाद पर हुई सुनवाई थी। याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को खंडित करके शाही ईदगाह मस्जिद बनाने का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि औरंगजेब के इशारे पर मंदिर परिसर को खंडित करके शाही ईदगाह बनाई गई थी। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित मंदिर के खंडित विग्रह को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबाने का भी आरोप लगाया गया है। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क सुनने के बाद मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं की आपत्ति को सुना। इसके बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
उल्लेखनीय है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त करने एवं अवैध कब्जे को हटाने का मुकदमा काफी लंबे समय से चल रहा है. उसके बाद यह मुकदमा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल हुआ था। हिंदू पक्ष ने शाही मस्जिद की 2.65 एकड़ भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में यह मांग की गई थी कि कोर्ट कमिश्नर जारी किया जाए और उसके साथ ही पूरे परिसर का एएसआई से सर्वे कराया जाए।
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