नई सरकार के काम संभालते ही आनलाइन सट्टा एप महादेव घोटाले में भारतीय एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। महादेव एप के सह संस्थापक रवि उप्पल को संयुक्त अरब अमीरात से गिरफ्तार कर लिया गया।
विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री के रूप में अपना काम शुरू कर दिया है। विष्णुदेव विख्यात वनवासी नेता हैं। उनके सहयोगी के रूप में अरुण साव और विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। राज्य में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। नई सरकार के काम संभालते ही आनलाइन सट्टा एप महादेव घोटाले में भारतीय एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। महादेव एप के सह संस्थापक रवि उप्पल को संयुक्त अरब अमीरात से गिरफ्तार कर लिया गया।
विष्णुदेव साय: सेवा के सोपान
जन्म: 21 फरवरी, 1964
- 1989 में जशपुर जिले के बगिया गांव में पहली बार पंच बने।
- 1990 सरपंच और इसी वर्ष तपकरा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने।
- 1998 में पुन: विधायक बने।
- 1999 में रायगढ़ क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए।
- 2004 में पुन: रायगढ़ क्षेत्र से सांसद चुने गए।
- 2006 में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बने।
- 2009 लोकसभा चुनाव जीते।
- 2011 फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बने।
- 2014 में लोकसभा चुनाव जीते और केंद्रीय इस्पात, खान, श्रम व रोजगार राज्य मंत्री बने।
- 2020 भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बने।
- 2022 भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने।
- 2023 छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्दीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्ढा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल तथा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री तथा अरुण साव व विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। छत्तीसगढ़ एक वनवासी बहुल प्रांत है। भाजपा ने मुख्यमंत्री के रूप में वनवासी चेहरा प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ के मन-मानस को तो संतुष्ट किया ही है, साथ ही सीमावर्ती राज्यों को भी एक राजनीतिक संदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ओबीसी और विजय शर्मा सामान्य वर्ग से संबंधित हैं।
शपथ ग्रहण के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भाजपा द्वारा घोषणा-पत्र में किए गए सभी आश्वासनों को पूरा करने का संकल्प लिया। भारत माता के जयघोष के साथ यह शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ। इससे पूर्व भाजपा के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुना था। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। विधायक दल की बैठक में इनके साथ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी उपस्थित थे। इसी बैठक में अरुण साव और विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री तथा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का सर्वसम्मत निर्णय हो गया था।
चुनाव प्रचार के दौरान ही स्पष्ट हो गया था कि विष्णुदेव को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके दो कारण थे। पहला, विष्णुदेव जमीन से जुड़े कार्यकर्ता हैं। उन्होंने पंच के रूप में राजनीतिक जीवन के रूप में शुरुआत की थी। हालांकि वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन अपने लिए उन्होंने न तो कभी कोई पद मांगा और न ही कोई दायित्व लेने में आनाकानी की। हर दायित्व को सहज स्वीकार किया और उसे अच्छी तरह निभाने का प्रयास किया। दूसरा कारण यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह संकेत दे दिया था कि यदि सरगुजा क्षेत्र में भाजपा को बहुमत मिला, तो विष्णुदेव साय को कोई महत्वपूर्ण पद मिलेगा। संयोग ही है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सरगुजा क्षेत्र की कुल नौ विधानसभा सीटों में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। लेकिन इस बार न केवल सरगुजा क्षेत्र, अपितु बस्तर परिक्षेत्र में भी भाजपा को अच्छी सफलता मिली और वह सरकार बनाने में सफल रही।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा कबीरधाम जिले के कवर्धा के रहने वाले हैं। वह भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा में रह चुके हैं। विजय शर्मा संगठन और सिद्धांत के लिए समर्पित जमीन से जुड़े एक संघर्षशील कार्यकर्ता हैं।
वहीं, उपमुख्यमंत्री अरुण साव भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष हैं। वह लोरमी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर विधानसभा में पहुंचे हैं। इससे पूर्व वह 2019 में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह उनका पहला चुनाव था। अरुण साव विधि स्नातक हैं और उन्होंने 2001 में उच्च न्यायालय में वकालत भी की थी। 2004 में छत्तीसगढ़ सरकार की अधिवक्त सूची में भी रहे।
2005 से 2013 तक सरकार के लिए और 2013 से 2018 तक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उपमहाधिवक्ता के रूप में कार्य किया। वह किशोर वय में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। और विद्यार्थी परिषद और जनता युवा मोर्चा के रास्ते चलकर भाजपा में आए हैं। अरुण साव 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मुंगेली जिला शाखा के अध्यक्ष बने। बाद में राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य भी रहे। 1996 में अरुण साव ने भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय हुए और जिलाध्यक्ष बनाए गए।
दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा कबीरधाम जिले के कवर्धा के रहने वाले हैं। वह भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा में रह चुके हैं। विजय शर्मा संगठन और सिद्धांत के लिए समर्पित जमीन से जुड़े एक संघर्षशील कार्यकर्ता हैं। 50 वर्षीय शर्मा भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। इन दिनों वह प्रदेश भाजपा में महामंत्री हैं। बिलासपुर विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर शर्मा ने भोपाल के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से एमसीए भी किया है।
2018 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भाजपा द्वारा जनहित में किए गए हर आंदोलन में उन्होंने भाग लिया और जेल भी गए। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता मोहम्मद अकबर को लगभग 40,000 मतों से पराजित किया। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट लगभग 50,000 मतों से खो दी थी। विजय शर्मा ने लगातार 5 वर्ष तक संघर्ष किया। उनके संघर्ष, समर्पण के पुरस्कार रूप में ही संगठन ने उन्हें उपमुख्यमंत्री पद दिया है।
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